अब पाकिस्तानी भी चीन की मदद से जायेंगे अंतरिक्ष
पाकिस्तान चीन की मदद से 2022 में मानव को अंतरिक्ष में भेजेगा। सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने बृहस्पतिवार को यह घोषणा की। प्रधानमंत्री इमरान खान की बीजिंग यात्रा से पहले यह अहम बयान जारी किया गया है। चौधरी ने कहा, पाकिस्तान के पहले अंतरिक्ष मिशन की योजना 2022 के लिए बनाई गई है और प्रधानमंत्री इमरान खान की अध्यक्षता में संघीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस योजना को मंजूरी दे दी गई।
नई दिल्ली: पाकिस्तान स्पेस एजेंसी, अपर एटमोस्फेयर रिसर्च कमीशन (एसयूपीएआरसीओ) और एक चीनी कंपनी के बीच इसको लेकर करार हो चुका है। इमरान 3 नवंबर को चीन पहुंचेंगे। यह उनकी पहली चीन यात्रा है। भारत के साथ मुकाबला करते हुए पाकिस्तान भी स्पेस में मानव यान भेजने जा रहा है। इसकी तैयारी लगभग हो चुकी है। यह अलग बात है कि पाकिस्तान इस मामले में खुद के पैरों पर खड़ा नहीं है और चीन की मदद से यान भेजने जा रहा है। जबकि भारत की तैयारियां अपनी हैं और काफी दिनों से इसमें लगा है। रूस के साथ साझेदारी की बात चल रही है, लेकिन अभी इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। साल 2022 में पाकिस्तान अपने मिशन में कामयाब हो जाता है, तो स्पेस में भी भारत के साथ उसकी प्रतिस्पर्धाएं देखी जाएंगी। जैसा कि गुरुवार को पाकिस्तानी सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने ऐलान किया, अगर सबकुछ ठीक-ठाक रहा तो 2022 में पाकिस्तान भी स्पेस में अपना झंडा लहराएगा। इस दिशा में काम करते हुए चीन और पाकिस्तान स्पेस एंड अपर एटमॉसफेयर रिसर्च कमिशन (एसयूपीएआरसीओ) के बीच एक करार पर दस्तखत भी हो चुका है। पाकिस्तान की ओर से यह कोई पहला स्पेस मिशन होगा। पाकिस्तान हालांकि इस साल जुलाई में अपने दो सैटेलाइट स्पेस में भेजे हैं. इसमें पहला है पाकिस्तान रिमोट सेंसिंग सैटेलाइट-1 (पीआरएसएस-1) और दूसरे का नाम पाकिस्तान टेक्नोलॉजी इवैल्यूएशन सैटेलाइट-1ए (पीएके टीईएस-1ए) है। इन दोनों की लॉन्चिंग चाइनिज लॉन्ग मार्च 2सी व्हीकल से की गई थी। पाकिस्तान से काफी पहले भारत इस तैयारी में जुटा है कि साल 2022 तक वह स्पेस में कोई इंसान भेजे। भारत की ओर से कई मानव रहित सैटेलाइट स्पेस में भेजे गए हैं लेकिन अगली तैयारी किसी मानवयुक्त यान को भेजने की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसकी आधिकारिक घोषणा लाल किले की प्राचीर से कर चुके हैं। स्वतंत्रता दिवस पर दिए अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा था कि भारत 2022 में जब अपने 75वें आजादी दिवस में प्रवेश करेगा, तो उसकी पूरी तैयारी होगी स्पेस में किसी भारतीय व्यक्ति को भेजने की। इसकी तैयारियां भी चल रही हैं। प्रधानमंत्री की ख्वाइश है कि भारतीय युवा 75वें स्वतंत्रता दिवस पर स्पेस में तिरंगा लहराएं। भारत से भेजे जाने वाले यान को प्रधानमंत्री मोदी ने गगनयान नाम दिया है। देश की स्पेस एजेंसी इसरो काफी पहले इसकी तैयारी में है। ‘ह्यूमन स्पेसफ्लाइट प्रोग्राम (एचएसपी)’ के तहत इसका निर्माण चल रहा है। यान में कितने लोग जाएंगे अभी स्पष्ट नहीं है लेकिन तीन लोगों के भेजने की तैयारी है। पहले तो इन्हें शॉर्टलिस्ट किया जाएगा, फिर ट्रेनिंग दी जाएगी। ट्रेनिंग से पहले इन लोगों को चुनने में साल भर का वक्त लग सकता है। इसके अलावा चयनित लोगों का हर तरह का टेस्ट किया जाएगा जिसमें मानसिक और शारीरिक जांच अहम हैं। स्पेस में कोई घटना हो तो उससे निपटने के लिए हल्की-फुल्की फर्स्ट एड लेने की भी ट्रेनिंग दी जाएगी। भारत और पाकिस्तान ने 2022 को भले लॉन्चिंग की डेटलाइन तय की हो लेकिन चीन इनसे काफी पहले अपना यान भेज चुका है। साल 2003 में चीन अपना मानवयुक्त यान भेजकर उन तीन देशों में शामिल हो गया जो स्पेस मिशन में कामयाब रहे हैं। चीन से पहले रूस और अमेरिका भी अपने यान भेज चुके हैं। अब जब भारत इंसानी स्पेस मिशन वाला चौथा देश बनने जा रहा है, तो पाकिस्तान ने भी अपनी तैयारी तेज कर दी है। पाकिस्तान और चीन में काफी गहरे रणनीतिक रिश्ते हैं। चीन उसका सबसे बड़ा डिफेंस सप्लायर भी है। इसलिए पाकिस्तान के स्पेस मिशन में वह पूरा दम लगा रहा है।