जीवनशैली

अब प्रेग्नेंट होने के लिए हर महीने पीरियड होना जरूरी नहीं!

periods_s_146433369236_650_052716125236ज्यादातर औरतों के लिए महीने के वो दिन किसी बुरे सपने की तरह ही होते हैं. पीरियड्स के उन पांच-छह दिनों में पूरी लाइफस्टाइल डिस्टर्ब हो जाती है. कई बार उन दिनों का दर्द, बेचैनी और चिड़चिड़ापन बर्दाश्त के बाहर हो जाता है.

पर ये खबर सुनकर शायद आपको थोड़ी राहत मिले. डॉक्टर एलिजाबेथ माइक्स के अनुसार, एक ऐसी दवा इजाद कर ली गई है जिससे महिलाओं को अब हर महीने ये दर्द नहीं सहना होगा. यूनिवर्सिटी ऑफ वॉ‍शिंगटन की डॉक्टर एलिजाबेथ माइक्स का कहना है कि पीरियड्स के प्रति चली आ रही सोच में बहुत जल्दी बदलाव आने वाला है. हो सकता है आने वाले समय में रेग्युलर पीरियड्स की बात सिर्फ कहने के लिए रह जाए. एलिजाबेथ का कहना है कि इस दवा के इस्तेमाल से महिलाओं को होने वाली हर महीने की ये परेशानी दूर हो जाएगी.

क्या है यह दवा
इस पिल को इंप्लांट या इंजेक्ट करते हैं जिससे हार्मोन्स लेवल में बदलाव होने लगता है. जिसके चलते महिलाओं की ओवरी से एग रि‍लीज नहीं होते हैं. इसका मतलब ये हुआ कि गर्भाशय से हर महीने होने वाली ब्लीडिंग नहीं होती है. इस पिल का कोर्स 21 दिन है और इसके बाद 7 दिन का ब्रेक लेना होता है. कई बार डॉक्टर इन सात दिनों के लिए शुगर पिल्स दे देते हैं ताकि क्रम बना रहे.

इस दौरान उन्हें पीरियड्स की तरह ही ब्लीडिंग होगी लेकिन वास्तव में ये नेचुरल पीरियड्स नहीं होते. नेचुरल पीरियड्स गर्भाशय की टिश्यू लाइनिंग के झड़ने की वजह से होती है जबकि इस केस में ये ब्लीडिंग हॉर्मोन्स के कम होने की वजह से होगी.

प्रेग्नेंट होने में नहीं होगी दिक्कत
क्वीन मैरी हॉस्प‍िटल की स्त्री रोग विशेषज्ञ मिस लीला हना के मुताबिक, इन हॉर्मोन बेस्ड पिल्स से पीरियड्स या तो बहुत कम हो जाते हैं या फिर पूरी तरह बंद. उनका कहना है कि ये पूरी तरह सुरक्षित हैं. कई महिलाएं ये सोचेंगी कि पीरियड्स कम या बंद होने से उनकी गर्भ धारण करने की क्षमता पर असर पड़ सकता है और उनको प्रेग्नेंट होने में दिक्कत होगी. लेकिन लीला हना ने स्पष्ट किया है कि इसका फर्टिलिटी पर भी कोई असर नहीं पड़ता है.

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