विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) ने उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज किए जाने पर खुशी जाहिर करते हुए फैजाबाद का नाम बदलने की मांग की है। विहिप की ओर से कहा गया है कि लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए फैजाबाद जिले का नाम बदलकर ‘श्री अयोध्या’ किया जाए। विहिप प्रवक्ता शरद शर्मा ने कहा कि ‘योगी सरकार ने इलाहाबाद का नाम प्रयागराज करके संतों की मांग का सम्मान किया है। यह कदम स्वागत योग्य है, जैसे सरकार ने इलाहाबाद का नाम प्रयागराज किया है, उसी तरह फैजाबाद का नाम भी बदलकर ‘श्री अयोध्या’ कर देना चाहिए।’ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज किए जाने के बाद अब शिमला का नाम बदले जाने की अटकलें लगाई जा रही हैं। इलाहाबाद का नाम बदलने से पहले जिस तरह के संकेत यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने दिए थे। अब शिमला का नाम बदले जाने को लेकर उसी तरह के संकेत हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने दिए हैं। जयराम ठाकुर शिमला का नाम बदलकर श्यामला करना चाहते हैं। शुक्रवार शाम दशहरा मनाने जखु मंदिर पहुंचे सीएम जयराम ठाकुर ने अपने भाषण में कहा कि ब्रिटिश राज से पहले शिमला को श्यामला के नाम से जाना जाता था। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार शिमला का नाम बदलने के संबंध में जनता से राय लेगी।
लखनऊ : विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) ने उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज किए जाने पर खुशी जाहिर करते हुये फैजाबाद का नाम बदलने की मांग की है। विहिप की ओर से कहा गया है कि लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुये फैजाबाद जिले का नाम बदलकर ‘श्री अयोध्या’ किया जाए। विहिप प्रवक्ता शरद शर्मा ने शुक्रवार को कहा कि ‘‘योगी सरकार ने इलाहाबाद का नाम प्रयागराज करके संतों की मांग का सम्मान किया है। यह कदम स्वागत योग्य है, जैसे सरकार ने इलाहाबाद का नाम प्रयागराज किया है, उसी तरह फैजाबाद का नाम भी बदलकर ‘श्री अयोध्या’ कर देना चाहिए।’
हिमाचल के स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार ने कहा कि शिमला का नाम बदलने में कोई नुकसान नहीं है। विश्व हिंदू परिषद शिमला का नाम बदलने के लिए काफी समय से सरकार से मांग कर रही है। हालांकि, 2016 में तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने शिमला का नाम बदलने की मांग को खारिज कर दी थी। उन्होंने कहा था कि यह एक अंतरराष्ट्रीय ख्याती प्राप्त पर्यटन स्थल है। विश्व हिंदू परिषद के प्रदेश अध्यक्ष अमन पुरी ने कहा, ‘गुलामी शारीरिक, मानसिक या सांस्कृतिक हो सकती है। शोषकों द्वारा दिए गए नामों को ढोहना मानसिक गुलामी का प्रतीक है। आजादी के बाद देश में कई ब्रिटिश पहचान को खत्म किया गया, लेकिन हिमाचल में कई नाम उसी वक्त से चले आ रहे हैं। पुरी ने साथ ही कहा कि अंग्रेज श्यामला नहीं बोल पाते थे, इसलिए उन्होंने इसका नाम बदलकर शिमला कर दिया। शरद शर्मा ने कहा कि, ‘आज देश में अनेक सड़कें, भवन, जनपद, गुलामी का बोध कराते आ रहे हैं। देश को अंग्रेज दासता से मुक्ति जरूर प्राप्त हुई है परन्तु उनके प्रतीक आज भी हर हिन्दुस्तानी के स्वाभिमान को ठेस पहुंचाते हैं। वर्तमान सरकारें भावनाओं को समझें और भविष्य की पीढ़ी को इन गुलामी के प्रतीकों से मुक्ति दिलाएं।’ शर्मा ने कहा कि योगी सरकार दीपावली पर दीपोत्सव महोत्सव के दौरान साधु संतों के समक्ष नाम बदलने की घोषणा कर सकते हैं। गौरतलब है कि इस सप्ताह मंगलवार को उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने ऐतिहासिक शहर इलाहाबाद का नाम प्रयागराज करने का प्रस्ताव किया था जिसको कैबिनेट से पास कर दिया था। कैबिनेट बैठक के बाद मंगलवार को राज्य सरकार के प्रवक्ता एवं स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा था कि प्रयागराज नाम रखे जाने का प्रस्ताव कैबिनेट की बैठक में आया, जिसे मंजूरी प्रदान कर दी गई। ऋगवेद, महाभारत और रामायण में प्रयागराज का उल्लेख मिलता है। उन्होंने कहा था कि सिर्फ वह ही नहीं बल्कि समूचे इलाहाबाद की जनता, साधु और संत चाहते थे कि इलाहाबाद को प्रयागराज के नाम से जाना जाए। उन्होंने कहा था कि सिर्फ वह ही नहीं बल्कि समूचे इलाहाबाद की जनता, साधु और संत चाहते थे कि इलाहाबाद को प्रयागराज के नाम से जाना जाए। जब मुख्यमंत्री ने कुंभ से संबंधित एक बैठक की अध्यक्षता की थी, तो उन्होंने खुद ही प्रस्ताव किया था कि इलाहाबाद का नाम प्रयागराज किया जाना चाहिए। सभी साधु संतों ने सर्वसम्मति से इस प्रस्ताव पर मुहर लगायी थी। योगी सरकार के फैसले पर सपा मुखिया अखिलेश यादव ने कहा था कि ये लोग पुन: नामकरण करके ही अपना कार्य दिखाना चाहते हैं। कांग्रेस प्रवक्ता ओंकार सिंह ने कहा था कि जिस क्षेत्र में कुंभ होता है, उसे प्रयागराज ही कहा जाता है और अगर सरकार इतनी ही उतावली है तो एक अलग नगर बसा सकती है, लेकिन इलाहाबाद का नाम नहीं बदला जाना चाहिए।वही इलाहाबाद के बाद अब हिमाचल प्रदेश सरकार राज्य की राजधानी शिमला का नाम बदलने पर विचार कर रही है। सरकार शिमला का नाम बदलकर श्यामला करना चाह रही है। इसकी मांग दक्षिणपंथी हिंदू समूह लंबे समय से करते आ रहे हैं, उनका कहना है कि ब्रिटिश शासन की पहचान को खत्म किया जाना चाहिए। शुक्रवार शाम मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा, ‘अंग्रेजों के भारत आने से पहले शिमला को श्यामला के नाम से जाना जाता था। इसका नाम बदलने की मांग पर सरकार लोगों के विचार जानेगी।’ उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज करने के बाद शिमला का नाम बदलने की मांग ने जोर पकड़ लिया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हिमाचल के स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार ने भी शिमला का नाम बदले जाने के संकेत दिए। उन्होंने कहा कि शिमला नाम अंग्रेजों से जुड़ा है। शिमला 1864 से आजादी तक अंग्रेजों की ग्रीष्मकालीन राजधानी रहा है। विश्व हिंदू परिषद सहित कई संगठन शहर का नाम बदलने की मांग लंबे समय से करते आ रहे हैं। दो साल पहले 2016 में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने शिमला को अंतर्राष्ट्रीय स्तर का पर्यटन स्थल बताते हुए शहर का नाम बदलने का प्रस्ताव खारिज कर दिया था।