अब भाजपा के अल्पसंख्यक कार्यकर्ताओं को भी है मौका मिलने का इंतजार
लखनऊ: प्रदेश सरकार द्वारा राज्य अनुसूचित जाति-जनजाति आयोग, राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग का फिर से गठन के बाद अब सत्तारूढ़ भाजपा के अल्पसंख्यक कार्यकर्ताओं को अपने लिए अवसर का इंतजार है। राज्य अल्पसंख्यक आयोग, उ.प्र.उर्दू अकादमी, हज कमेटी, मदरसा बोर्ड आदि में जल्द मनोनयन होना है। राज्य अल्पसंख्यक आयोग के तत्कालीन चेयरमैन तनवीर हैदर उस्मानी का 29 अप्रैल 2019 को निधन हो गया था। उसके बाद से यह पद खाली है। आयोग में कुछ आठ सदस्य होते हैं। इनमें से छह सदस्यों का कार्यकाल खत्म हो चुका है।
इस साल फरवरी में कुंवर सै.इकबाल हैदर, मनोज कुमार मसीह, रूमाना सिद्दीकी, सोफिया अहमद, सुरेश जैन तथा सुखदर्शन बेदी का कार्यकाल खत्म होने के बाद यह पद खाली हो गये हैं। सरदार परविन्दर सिंह और बख्शीश अहमद वारसी सिर्फ दो सदस्य आयोग में बचे हैं। वारसी का कार्यकाल जून में और परविन्दर सिंह का कार्यकाल अगस्त में खत्म हो रहा है।
इसके अलावा उ.प्र.उर्दू अकादमी में 20 जनवरी 2020 को तत्कालीन चेयरमैन पद्ममश्री डा.आसिफा जमानी का कार्यकाल खत्म होने के बाद चेयरमैन व सदस्यों के पद खाली चल रहे हैं। इसी तरह उ.प्र.फखरूद्दीन अली अहमद मेमोरियल कमेटी के चेयरमैन डा.आरिफ अय्यूबी का इस साल जनवरी में कार्यकाल खत्म हो गया उसके बाद से वहां भी सरकारी अफसर ही कामकाज देख रहे हैं।
उ.प्र.राज्य हज कमेटी में चेयरमैन और सदस्य तो सपा सरकार के जाने के बाद से ही खाली चल रहे हैं। उस समय तत्कालीन अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मो.आजम खां कमेटी के चेयरमैन हुआ करते थे। इसी क्रम में उ.प्र.मदरसा बोर्ड में भी चेयरमैन और सदस्यों के पद लम्बे अरर्से से रिक्त चल रहे हैं। उ.प्र.अल्पसंख्यक वित्त विकास निगम में भी चेयरमैन का पद खाली है।