- अगर पाकिस्तान ने नहीं की मदद तो दक्षिण-पूर्वी एशिया के बिगड़ेंगे समीकरण
- चीन समेत सभी ताकतवर देशों के जरिये इस्लामाबाद पर दबाव बनाने का काम शुरू
पुलवामा आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार ने पाकिस्तान में मौजूद भारत विरोधी तंत्र के खिलाफ ठोस कार्रवाई करने का फैसला किया है। इसके तहत बैक चैनल के जरिये पाकिस्तान को इस हमले की जिम्मेदारी लेने वाले आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर के खिलाफ अंतिम कार्रवाई करने में मदद की पेशकश की गई है। भारत की तरफ से दो टूक चेतावनी दी गई है कि पाक सरकार इस बावत उसकी पेशकश नहीं मानती है तो दक्षिण-पूर्वी एशिया के समीकरण बिगड़ेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में शुक्रवार सुबह बुलाई गई सुरक्षा संबंधी कैबिनेट की बैठक में कूटनीतिक उपायों के साथ आगे की रणनीति पर अहम फैसले लिए गए। पीएम और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल ने अलग से इस मसले पर बातचीत कर ठोस कार्रवाई का खाका तैयार किया। शनिवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में सरकार सभी राजनीतिक दलों से भी राय मशविरा करेगी।
सूत्रों के मुताबिक, भारत ने पाकिस्तान से पेशकश की है कि वह मसूद अजहर का खेल खत्म करने में हर संभव मदद करे। कहा जा रहा है कि पुलवामा हमले के बाद देश की जनता जिस कदर नाराज है, उसे शांत करने के लिए ऐसी ठोस कार्रवाई जरूरी है। यह बात पाकिस्तान को भी समझनी होगी।
चीन को खुद मनाएंगे डोभाल
उच्चपदस्थ सरकारी सूत्रों के मुताबिक, अमेरिका, इस्राइल, ब्रिटेन, जर्मनी, फ्रांस और रूस समेत सभी ताकतवर देशों से पाकिस्तान पर मसूद के खिलाफ अंतिम कार्रवाई के लिए दबाव बनाने की योजना बनाई जा रही है। अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित करने में संयुक्त राष्ट्र के मंच पर लगातार रोड़ा अटकाने वाले चीन को साधने के लिए एनएसए डोभाल खुद मोर्चा संभालेंगे।