नई दिल्ली : प्राइवेट अस्पताल अब मरीज और उनके तीमारदारों का खून नहीं चूस पाएंगे। इसके लिए सैंट्रल इंफॉर्मेशन कमिशन (सी.आई.सी.) ने निर्देश दिया है कि प्रत्येक मरीज का मैडीकल रिकॉर्ड दैनिक आधार पर उपलब्ध कराया जाना चाहिए। सूचना अधिकार कानून के तहत इसे प्रभावी ढंग से लागू कराने के लिए कमिशन ने भारत सरकार, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को आवश्यक कदम उठाने को कहा है। इंडियन मैडीकल एसोसिएशन के महासचिव डा. के.के. अग्रवाल ने कहा कि मैडीकल रिकॉर्ड प्राप्त करना लोगों का अधिकार है। वर्तमान नियम के अनुसार मांगे जाने के 3 दिन के भीतर रिकॉर्ड उपलब्ध करा दिया जाना चाहिए। प्रतिदिन रिकॉर्ड उपलब्ध कराना व्यावहारिक नहीं है। इसके लिए अलग से कर्मचारी रखने होंगे जिस पर खर्च आएगा जो अप्रत्यक्ष रूप से लोगों पर ही पड़ेगा। कहा जाए तो इससे मरीजों की परेशानी बढ़ेगी।