अब मैं फ्री हूं अब अपनी मूवी बनाऊंगा:विधु विनोद चोपड़ा
अमिताभ बच्चन और फरहान अख़्तर असाधारण को-स्टार्स हैं। ‘वजीर’ में उनका किस तरह का इंटरेक्शन है?
फिल्म राकेश मारिया और विश्वनाथ आनंद जैसी दोस्ती पर है, जो असंभव लगती है, दोनों एक दूसरे के विपरीत हैं, लेकिन दोस्त बन जाते हैं। यही बात मुझे दिलचस्प लगी।
अमिताभ व्हील चेयर पर हैं और फरहान का रोल एक्शन वाला है। क्या यह कुछ नयापन लाने के लिए किया?
अमिताभ ने ऐसा रोल पहले कभी नहीं किया था। मुझे नहीं मालूम था कि यह फरहान की पहली एक्शन फिल्म है। जिस तरह वे गन पकड़ते हैं, आप यकीन नहीं करेंगे कि वे पहली बार ऐसा कर रहे हैं। यह किड वाकई अद्भुत है। यदि भारत में मैं कभी फिल्म डायरेक्ट करूंगा तो फरहान अख़्तर वो एक्टर होंगे, जिनके साथ मैं काम करना चाहूंगा। वह आउटस्टैंडिंग हैं, उनके भीतर एंगर है। वह शांत हैं, काफी रिजर्व्ड, लेकिन जब उन्होंने ट्रेलर देखा, चिल्लाए और मुझे गले लगा लिया। मैंने अपने आप से कहा, ‘यह मेरी उपलब्धि है।’
आप डायरेक्शन की बात कर रहे हैं, लेकिन ‘एकलव्य’ (2007) के बाद हिन्दी फिल्म का निर्देशन क्यों नहीं किया?
मैं करूंगा। शायद अगले साल। ‘एकलव्य’ के बाद मैं ‘ब्रोकन हॉर्सेज’ में व्यस्त हो गया, फिर ‘पीके’ और उसके बाद ‘वजीर’ में। अब फ्री हूं, और अपनी मूवी बनाऊंगा।
‘मुन्ना भाई 3’ कब बनाएंगे?
हमारे पास एक आइडिया है, जिसे लेकर हम बेहद एक्साइटेड हैं, लेकिन इसमें समय लगेगा 6 से 8 महीने। हम फिलहाल लिख रहे हैं और इसकी कोई जल्दी नहीं है। हम कंपनी नहीं हैं, जिसे हर साल एक फिल्म बनानी होती है। हम अपने काम का पूरा आनंद लेते हैं और यह हमारी फिल्मों में दिखाई देता है।
हां, ‘वजीर’ को भी स्क्रीन पर आने में वक्त लगा?
‘पीके’ के साथ भी यही हुआ था, 5-6 महीने लेट हो गई थी। मेरे लिए यह कोई डेट्स का चक्कर नहीं है। जब आप फिल्म बनाते हैं तो उस फिल्म से आपको खुश होना चाहिए और फिर उसे रिलीज करें। हम फिल्म से खुश हैं और अब रिलीज कर रहे हैं।
बाद में फिल्म का नाम ‘वजीर’ क्यों कर दिया?
‘वजीर’ टाइटल रखना मेरा आइडिया था। फिल्म का वर्किंग टाइटल ‘दो’ था। शतरंज में केवल ‘वजीर’ ही सीधा चलता है और फिल्म में नील नितिन मुकेश यही करते हैं।
कोई यंगर एक्टर, जिनके साथ आप काम करना चाहते हैं?
वरुण धवन और ऋतिक रोशन के साथ काम करना चाहता हूं। वे सच में अच्छे हैं और मैं उन्हें पसंद करता हूं।