राजनीति

अब मोदी का जादू बरकरार रखना बना साख का सवाल

हिमाचल में भाजपा के सामने विधानसभा चुनावों में दोहरी चुनौती है। कांग्रेस को टक्कर देने के साथ मोदी के करिश्मे को भी बरकरार रखना है। साढ़े तीन साल पहले लोकसभा चुनावों में चारों संसदीय क्षेत्रों की 68 में से 59 सीटों पर भाजपा आगे रही थी। अब भाजपा के सामने लोकसभा में मिले रिकॉर्ड 54 प्रतिशत वोट बैंक को पार पाने की भी चुनौती है।
अब मोदी का जादू बरकरार रखना बना साख का सवालयह अलग बात है कि पिछले पांच विधानसभा चुनावों में कोई भी पार्टी पचास प्रतिशत के आसपास भी नहीं पहुंची है। भाजपा केवल इस बात से राहत महसूस कर सकती है कि लोकसभा के बाद हुए सभी विधानसभा उपचुनावों में उसे जीत मिली है, लेकिन कई सीटों पर बगावत भी परेशानी बनी हुई है।

ऐसे में विधानसभा के नतीजे तय करेंगे कि साढ़े तीन साल में मोदी का जनाधार बढ़ा या घटा है। वर्ष 2014 लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा के प्रदेश में दो सांसद थे, लेकिन उस समय की मोदी लहर में चारों सीटें पार्टी के खाते में आ गईं। पार्टी का वोट शेयर 54 प्रतिशत तक पहुंचा।

वर्ष 2014 में मिले 54 प्रतिशत वोट, 68 से 59 सीटों पर आगे रही भाजपा

कांगड़ा संसदीय सीट की 17 विधानसभाओं में पार्टी रिकॉर्ड मतों से जीती, जबकि वर्ष 2012 विधानसभा में 14 सीटों पर कांग्रेस के विधायक चुने गए थे। कांगड़ा का यह समीकरण अब कितना बदला है, यह नतीजे तय करेंगे। पीएम मोदी ने अपनी चुनावी रैलियों की शुरुआत कांगड़ा के फतेहपुर से कर साबित किया है कि जिला बेहद महत्वपूर्ण हैं।

हालांकि, पार्टी की तीन अहम सीटों फतेहपुर, पालमपुर और चंबा पर बागी बड़ी चुनौती हैं। शेष तीन संसदीय क्षेत्रों में कांग्रेस ने उपस्थिति दर्ज करवाई। मंडी में पांच विधानसभाओं में कांग्रेस आगे रहे, हमीरपुर में एक और शिमला में तीन सीटों पर कांग्रेस को बढ़त मिली थी।

लोकसभा के तुरंत बाद सुजानपुर विधानसभा के उपचुनाव और फिर भोरंज उपचुनाव में भाजपा को जीत मिली। हालांकि, इस बार दोनों ही सीटों पर पार्टी ने प्रत्याशी बदल दिए हैं। पूर्व सीएम धूमल को सुजानपुर तो कमलेश को भोरंज में उतारा है। एक बार फिर पार्टी के रणनीतिकारों ने मोदी चेहरे पर दांव खेला है।

साल 2014 में स्थिति

कांगड़ा संसदीय क्षेत्र – 17 विधानसभाओं में सभी पर भाजपा को बढ़त मिली।
हमीरपुर संसदीय क्षेत्र – 17 में से 16 पर भाजपा को बढ़त मिली, केवल हरोली में कांग्रेस की बढ़त रही
शिमला संसदीय क्षेत्र – 14 सीटों पर भाजपा आगे, तीन सीटों शिलाई, श्री रेणुका जी और रोहड़ू में कांग्रेस आगे
मंडी संसदीय क्षेत्र – 12 सीटों पर भाजपा आगे रही, भरमौर, लाहौल, सिराज, किन्नौर और रामपुर में पिछड़ी

अब तक मत प्रतिशत
वर्ष 2012 – भाजपा 38.83, कांग्रेस 43.21
वर्ष 2007- भाजपा 43.78, कांग्रेस 38.9
वर्ष 2003 – भाजपा 35.38, कांग्रेस 41
वर्ष 1998 – भाजपा 39.02, काग्रेंस 43.51

 
 

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