अब राजस्थान से पानी की जंग, किसानों ने डबवाली में किया धरना शुरू
अब की पानी की जंग हरियाणा और राजस्थान के बीच शुरू गई है। राजस्थान के किसानों ने सिरसा मेंं सरहिंद फीडर के लोहगढ़ हेड पर धरना शुरू कर दिया है।
पानी की जंग अब राजस्थान और हरियाणा के बीच शुरू हो गई है। नहरी पानी नहीं मिलने पर राजस्थान के किसानों ने बृहस्पतिवार को यहां सरहिंद फीडर के लोहगढ़ हेड पर धरना शुरू किया। इन किसानों का नेतृत्व पंजाब के पूर्व परिवहन मंत्री हरदीप इंद्र सिंह बादल कर रहे हैं। खुफिया तंत्र को अलर्ट करते हुए स्थिति पर निगरानी रखी जा रही है।
पंजाब के पूर्व मंत्री हरदीप इंद्र सिंह बादल का कहना है कि राजस्थान सरकार की हठधर्मिता के चलते सरसों उत्पादकों को 66 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। पिछले दिनों किसानों ने हनुमानगढ़ में सिंचाई विभाग के चीफ इंजीनियर राजकुमार चौधरी को ज्ञापन सौंपकर सरहिंद फीडर से निकलने वाली करणी सिंह डिस्ट्रीब्यूटर (केएसडी) से सात दिन अतिरिक्त पानी देने की मांग करते हुए मंगलवार तक का अल्टीमेटम दिया था।
किसानों को उम्मीद थी कि प्रशासन वार्ता के लिए आएगा। ऐसे में वे पंजाब के पूर्व ट्रांसपोर्ट मंत्री हरदीप, गुरमीत सिंह वडिंग, जोत राम मारवाल के नेतृत्व में लोहगढ़ हेड पर पहुंच गए, लेकिन कोई अधिकारी वार्ता करने नहीं आया। ऐसे में अब राजस्थान के किसानों ने बृहस्पतिवार को दोपहर बाद लोहगढ़ हेड पर धरना शुरू कर दिया।
किसानों ने बताया कि लोहगढ़ हेड पर सरहिंद फीडर से करणी सिंह और सादूल डिस्ट्रीब्यूटरी निकलती है। करणी सिंह ब्रांच से मटीली इलाके की हजारों एकड़ भूमि तक पानी पहुंचता है, जबकि सादूल ब्रांच से सूरतगढ़ इलाके में पानी जाता है। इससे राजस्थान के किसान सरसों की पैदावार करते हैं।
किसानों ने बताया कि 21 दिसंबर को राजस्थान सरकार ने बिना नोटिस दिए करणी सिंह ब्रांच बंद कर दी। लगातार सात दिन तक नहरबंदी के कारण सरसों उत्पादकों को नुकसान झेलना पड़ा। उपरोक्त डिस्ट्रीब्यूटरी के तहत आने वाले किसान अब अतिरिक्त सात दिन नहरी पानी की मांग कर रहे हैं, ताकि नुकसान की भरपाई हो सके।” पिछले 13 साल से करणी सिंह ब्रांच सात दिन बंद और सात दिन चलती है। पिछले दिनों सरकार ने तानाशाही रवैया अपनाते हुए नहर बंद कर दी। इससे सरसों उत्पादकों को 66 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। इसलिए लोहगढ़ हेड पर पहुंचकर विरोध दर्ज करा रहे हैं।” राजस्थान सरकार ने दोनों ब्रांच की दो बंदी की अपेक्षा तीन बंदी कर दी। इससे करणी सिंह ब्रांच सात की अपेक्षा 14 दिन तक बंद रही। करीब 15 हजार किसानों क दवाब के बाद सरकार दो बंदी पर राजी हो गई, लेकिन करणी सिंह ब्रांच पर निर्भर किसान अब नुकसान की भरपाई मांग रहे हैं।” एक बार किसान मांग लेकर मेरे पास आए थे। अल्टीमेटम के बारे में मुझे पता नहीं। लोहगढ़ हेड पर पहुंचकर विरोध करने के मामले का मुझे ज्ञान नहीं है। मैं, अभी पता करवाता हूं।