स्वास्थ्य

अब लाइलाज नहीं रहेगा डिमेंशिया : अध्ययन

डिमेंशिया एक ऐसा मानसिक विकार है, जिसका सटीक इलाज खोजने की कोशिश में दुनियाभर के विशेषज्ञ लगे हुए हैं। एक अध्ययन में पता चला है कि अगले तीन साल में डिमेंशिया को फैलने से रोकने वाली दवा बाजार में उपलब्ध हो जाएगी। यही नहीं डिमेंशिया से पूरी तरह बचाने वाली दवा भी एक दशक में आ जाएगी।

अलजाइमर्स रिसर्च यूके के प्रमुख वैज्ञानिक डॉक्टर डेविड रेनॉल्ड्स ने हाल ही में इसका खुलासा किया। सोमवार को उन्होंने बताया कि अलजाइमर्स से पीड़ित लोगों की जिंदगी बदलने की ताकत रखने वाली इस दवा का क्लीनिकल ट्रायल 2021 तक पूरा हो जाएगा। डॉ. रेनॉल्ड्स का कहना है कि इस बीमारी का सटीक इलाज अगले एक दशक में तलाश कर लिया जाएगा।

अकेले ब्रिटेन की बात करें तो साढ़े आठ लाख लोग इस बीमारी से पीड़ित हैं। इसमें दो तिहाई लोग अलजाइमर्स से ग्रस्त हैं। ब्रिटेन में अलजाइमर्स के कारण मौतों का आंकड़ा दो तिहाई से अधिक हो चुका था, जो हृदय संबंधी बीमारी से आगे है। एनएचएस ने भी 2002 के बाद से अब तक अलजाइमर्स की दवा को मंजूरी नहीं दी है।

एक प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने कहा कि यह 12 दवाएं अपने परीक्षण के आखिरी दौर में हैं। शोधकर्ताओं का कहना है कि अलजाइमर्स की जो दवाएं अभी मौजूद हैं, वह सिर्फ लक्षणों पर असर दिखाती हैं। मगर नई दवाओं से बीमारी का इलाज होने की संभावना है। यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के डिमेंशिया रिसर्च सेंटर के ऑनरेरी न्यूरोलॉजिस्ट कंसलटेंट जोनाथन स्कॉट ने सोमवार को कहा कि शोधकर्ताओं के लिए यह बहुत बड़ी उपलब्धि होगी।

अभी इस बीमारी के बढ़ने पर उसे रोकने के लिए कोई दवा उपलब्ध नहीं है। सभी 12 दवाएं जिनका परीक्षण चल रहा है, वे तीसरे फेज में। इस दौरान यह मस्तिष्क में बनने वाला टॉक्सिक एमिलॉइड प्लेक रसायन को रोकती है। यह अलजाइमर्स का कारण होता है।

Related Articles

Back to top button