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अब संघ सुनेगा किसानों के ‘मन की बात’, समन्वय बैठक में सहमति के बाद बना ये प्लान
किसानों की समस्याओं को लेकर लगातार घिर रही भाजपा सरकार से यह जिम्मेदारी संघ ने ले ली है। समन्वय बैठक में भाजपा अध्यक्ष और संघ के पदाधिकारियों के बीच चर्चा के बाद इस पर सहमति बनी। ऐसे में अब राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ किसानों के बीच जाएगा। ग्राम पंचायत स्तर पर शाखाएं शुरू करने की तैयारी हो रही है। बाकायदा चौपाल लगाकर किसानों की समस्याएं सुनी जाएंगी। इतना ही नहीं किसानों को उन्नत खेती से जोड़ने के लिए कार्यशालाओं का आयोजन भी किया जाएगा। कृषि वैज्ञानिकों को गांवों में ले जाकर काश्तकारों को टिप्स दिलाए जाएंगे।
शुक्रवार को वृंदावन के केशवधाम में हुई संघ की समन्वय बैठक में संघ के संगठन किसान संघ को विस्तार की नई जिम्मेदारी दी गई। देश के सभी राज्यों से पहुंचे किसान संघ के पदाधिकारियों से कहा गया कि वह गांव स्तर पर अपनी मजबूत पकड़ बनाएं। यह तभी हो सकता है जब गांवों में जाकर किसानों की बात सुनी जाएगी।
शुक्रवार को वृंदावन के केशवधाम में हुई संघ की समन्वय बैठक में संघ के संगठन किसान संघ को विस्तार की नई जिम्मेदारी दी गई। देश के सभी राज्यों से पहुंचे किसान संघ के पदाधिकारियों से कहा गया कि वह गांव स्तर पर अपनी मजबूत पकड़ बनाएं। यह तभी हो सकता है जब गांवों में जाकर किसानों की बात सुनी जाएगी।
ग्राम स्तर पर कार्यशालाएं आयोजित करके किसानों को उन्नत खेती के बारे में बताया जाए। गो पालन को बढ़ावा देने की जरूरत है। यदि किसान गऊ पालन करते हैं तो गाय का गोबर और मूत्र दोनों खरीदे जा रहे हैं। गाय के गोबर से धूपबत्ती तैयार की जा रही है, हवन सामग्री बन रही है।
10 गांवों को जोड़कर एक यूनिट बनाई जा सकती है। इस यूनिट के माध्यम से हम किसानों से गाय का गोबर और गोमूत्र खरीद सकते हैं। दूध की खरीद की जा सकती है।
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि देश की सबसे बड़ी आबादी गांव में रहती है। हमारा देश तभी खुशहाल हो सकता है जब गांव खुशहाल होगा। गांव की तरक्की के लिए छोटे-छोटे उद्योग सरकार को स्थापित करने होंगे। सभी प्रचारक गांवों में जाकर लोगों से संपर्क करके उन्हें संघ की नीतियों से अवगत कराएं।