लखनऊ। यूपी विधानसभा चुनाव के एग्जिट पोल आने के बाद सभी राजनैतिक दलों में हलचल बढ़ गई है। बीजेपी बहुमत में आती नजर आ रही है। तो वहीँ सपा ने सरकार बनाने के लिए विकल्प तलाशना शुरू भी कर दिया है। गुरुवार को अखिलेश यादव ने इस बात के संकेत भी दे दिए कि अगर जरुरत पड़ी तो वो बीएसपी के साथ भी गठबंधन कर सकते हैं।
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हम नहीं चाहते कि यूपी को बीजेपी रिमोट कंट्रोल से चलाए
हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि 11 मार्च का चुनावी नतीजा उनके पक्ष में आएगा। अखिलेश ने साफ कहा कि चुनाव परिणामों में यदि उन्हें या किसी भी दल को बहुमत नहीं मिलता है तो वो प्रदेश में कम-से-कम राष्ट्रपति शासन नहीं चाहेंगे। हम नहीं चाहते कि यूपी को बीजेपी रिमोट कंट्रोल से चलाए।
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उत्तर प्रदेश में सातवें और अंतिम दौर के मतदान के बाद अखिलेश यादव ने यह सारी बातें बीबीसी हिन्दी के साथ बातचीत के दौरान कही। अखिलेश से जब पारिवारिक कलह और नेताजी की नाराजगी के सवाल पूछा गया तब उन्होंने कहा कि नेताजी का जहां मन किया वहां प्रचार करने गए। हमने उनसे कुछ नहीं कहा।
अखिलेश से जब उनकी सौतेली मां साधना गुप्ता के ताजा बयान से जुड़ा सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि जो राजनीति में आना चाहेगा उसे कौन रोकेगा। राजनीति में सभी को आना चाहिए। कांग्रेस संग गंठबंधन पर अखिलेश ने कहा कि राहुल भी चाहते हैं कि प्रदेश का विकास हो। मैं राहुल गांधी को पहले से ही जानता हूं। हमने एक संदेश दिया कि जो धर्मनिरपेक्ष सरकार चाहते हैं जो विकास के लिए सरकार चाहते हैं इसलिए कांग्रेस का साथ दिया। मैं कंजूस के साथ दोस्ती नहीं करता।
समाजवादी पार्टी के एक मंत्री गायत्री प्रजापति को लेकर उठे विवाद पर उन्होंने कहा कि इस मामले की सुप्रीम कोर्ट निगरानी कर रहा है। मैंने पुलिस को निष्पक्ष कार्रवाई करने की बात कही है। उन्होंने कहा कि मैं चुनाव के दौरान कोई क़दम उठाना नहीं चाहता था क्योंकि इसका ग़लत संदेश जाता। मैं गठबंधन की बात अभी नहीं कह सकता क्योंकि समाजवादी पार्टी और कांग्रेस की सरकार बनने जा रही है।
अखिलेश को मया का जवाब
वहीँ मायावती इस मामले में अभी कुछ भी कहने को तैयार नहीं हैं। वो अभी नतीजों का इंतजार कर रहीं हैं। एक न्यूज एजेंसी के अनुसार, मायावती का कहना है कि उनकी पार्टी नतीजों का इंतजार करेगी। उनका तो दावा है कि बसपा अपने दम पर सरकार बनाने जा रही है।
वहीँ अखिलेश के बयान को लेकर राजनीति में हलचल मची हुयी है। अखिलेश के बयान पर सपा के राज्यसभा सांसद नरेश अग्रवाल ने सफाई देते हुए कहा, “अखिलेश जी ने बीएसपी या बहनजी का नाम नहीं लिया है। उनका उद्देश्य सांप्रदायिक ताकतों को राज्य से बाहर रखने का है।”
रिजल्ट से पहले ही सपा में आरोप-प्रत्यारोप का दौरा जारी
एग्जिट पोल को देखते हुए मुलायम सिंह के करीबी और सपा के दिग्गज नेता रविदास महरोत्रा के मुताबिक सपा के लिए कांग्रेस हानिकारक रही। अगर कांग्रेस से गठबंधन न होता तो सपा और सीटें जीत पाती।