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अब सीधे प्रशासन के खाते में एनएचपीसी डालेगा फंड

electricity-560e752e9d739_exlदस्तक टाइम्स/एजेंसी जम्मू:  बांध प्रभावित क्षेत्र के विकास के लिए बिजली परियोजना से जारी होने वाली राशि मामले पर अमर उजाला के प्रयास रंग लाए हैं। सेवा हाइडिल प्रोजेक्ट चरण दो प्रबंधन अब राशि को सरकार के बजाय सीधा जिला प्रशासन के खाते में ट्रांसफर करेगा।

उच्च स्तरीय बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार एनएचपीसी और जम्मू कश्मीर स्टेट पॉवर डेवलपमेंट कारपोरेशन (जेकेएसपीडीसी) की संयुक्त कमेटी इसकी तमाम औपचारिकताएं पूरी करने में जुट गई है। सब कुछ ठीक रहा तो एनएचपीसी जनवरी 2016 से करोड़ों की राशि सीधा जिला प्रशासन के खाते में ट्रांसफर कर देगी।

जिला प्रशासन इस राशि का निर्धारित नियमों के अनुसार क्रियान्वयन कर सकेंगे। दरअसल एनएचपीसी की बिजली परियोजना से उत्पन्न होने वाली कुल बिजली का कुछ हिस्सा बांध प्रभावित क्षेत्र और जिले में विकास के लिए इस्तेमाल में लाने का नियम है।

राज्य सरकार और एनएचपीसी के बीच हुए समझौते के अनुसार प्रति यूनिट उत्पन्न होने वाली बिजली का 12 फीसदी हिस्सा राज्य सरकार को दिया जाता है। एनएचपीसी अतिरिक्त एक फीसदी बिजली का अंश स्थानीय विकास के लिए सरकार को देती है, जबकि एक फीसदी अंश सरकार को जमा करवाना होता है।

कुल मिलाकर एक यूनिट से 11 फीसदी सरकार तथा दो फीसदी अंश संबंधित जिला प्रशासन के नाम ट्रांसफर करने का नियम है। सेवा हाइडिल प्रोजेक्ट चरण दो को जुलाई 2010 में शुरू किया गया था।

वर्तमान में कठुआ जिले के लिए एनएचपीसी और राज्य सरकार की संयुक्त राशि 24 करोड़ पहुंच चुकी है, लेकिन सरकार द्वारा एक फीसदी जमा नहीं करवाने से सारी राशि अटकी पड़ी है। इस मामले को अमर उजाला ने लगातार प्रमुखता से उठाया जिसके बाद एनएचपीसी और जेकेएसपीडीसी की संयुक्त कमेटी ने नई व्यवस्था करने का फैसला कर लिया।

इसके लिए एनएचपीसी की ओर से जिले के नाम जारी होने वाली एक फीसदी बिजली की राशि सीधा जिला प्रशासन के खाते में जमा करवाई जाएगी। वर्तमान में इस एक फीसदी बिजली की अनुमानित राशि ढाई करोड़ बनती है।

बांध प्रभावित जिले में विकास के लिए जारी होने वाली कुल राशि का पंद्रह फीसदी हिस्सा जिला मुख्यालय स्तर पर खर्च कर प्रावधान है। इसी तरह से निकटवर्ती संबंधित सब डिविजन बनी और बसोहली में भी पंद्रह-पंद्रह फीसदी राशि खर्च करने का प्रावधान है।

शेष पचपन फीसदी राशि से बांध प्रभावित क्षेत्र में विकास सुनिश्चित किया जाता है। इंचार्ज चीफ इंजीनियर एनएचपीसी सेवा प्रोजेक्ट दो पीके लंगर ने बताया ‌कि जुलाई 2010 से एनएचपीसी लगातार अपने हिस्से की राशि सरकार के खाते में जमा करवाती आ रही है।

अब तक बारह करोड़ रुपये सरकार के खाते में जमा हैं, जबकि इतनी की राशि सरकार की ओर से दी जानी प्रस्तावित है। विभिन्न कारणों से चूंकि करोड़ों की राशि को खर्च करना मुमकिन नहीं हो पा रहा था।

लिहाजा इस मामले पर संबंधित कमेटी और नोडल अधिकारी की मौजूदगी में फैसला लिया गया है। नए निर्णय के तहत एनएचपीसी अपने हिस्से की राशि सीधा जिला प्रशासन के नाम से खाते में ट्रांस्फर करेगी। इसकी औपचारिकताएं जल्द पूरी कर ली जाएंगी और जनवरी 2016 से व्यवस्था लागू कर दी जाएगी।

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