देहरादून: हिमालयी क्षेत्र में जम्मू-कश्मीर से लेकर हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में बिखरे 300 से अधिक गर्म झरने सिर्फ गर्म पानी ही नहीं देते, दरअसल इनमें ऊर्जा का भंडार भी भरा पड़ा है। जानकारी के मुताबिक इस ऊर्जा से सर्द इलाकों में घरों के अंदर हीटिंग सिस्टम के साथ बिजली भी बनेगी। बताया जा रहा है कि वाडिया हिमालयन भू विज्ञान संस्थान तथा नार्वे और आइसलैंड के संयुक्त शोध ने इसे साकार कर दिखाया है। आपको बता दें कि गर्म झरनों की जियो थर्मल एनर्जी से लद्दाख में हीटिंग सिस्टम और आइसलैंड में बिजली बनाने का प्रयोग सफल रहा है। वाडिया हिमालयन भू विज्ञान संस्थान के वरिष्ठ विज्ञानी डॉ. एसके बरतरिया की अगुवाई में डॉ. गौतम रावत, डॉ. एसके राय तथा नार्वे और आइसलैंड के विज्ञानियों ने दो साल पहले इस संबंध में शोध शुरू किया था जो अगस्त 2014 में पूरा हुआ। बताया जा रहा है कि बिजली बनने की कार्ययोजना पूरी होते ही हिमालयी क्षेत्र के प्रांतों के अलावा आसपास के इलाके भी इसका फायदा ले सकेंगे।