हैदराबाद : उत्तर प्रदेश के दो बड़े शहरों फैजाबाद और इलाहाबाद का नाम बदलने के बाद राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद का भी नाम बदलना चाहते हैं। चुनावी राज्य तेलंगाना में चुनाव प्रचार करने पहुंचे योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उनकी पार्टी हैदराबाद का नाम बदलकर भाग्यनगर करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। सीएम योगी ने रविवार को पुराने शहर में एक जनसभा के दौरान कहा कि हैदराबाद का न केवल नाम बदलना बल्कि उसका आतंकवादियों के साथ सम्बन्ध भी खत्म करना बेहद जरूरी है। उन्होंने दावा किया कि ऐसा केवल बीजेपी की सरकार ही कर सकती है। योगी ने कहा कि बीजेपी देश में रामराज्य लाना चाहती है और इसमें तेलंगाना को भी अपनी भूमिका निभानी चाहिए।एआईएमआईएम चीफ असदद्दुदीन ओवैसी के मुख्यालय से मात्र 2 किलोमीटर की दूरी पर आयोजित जनसभा में योगी ने कहा, यदि आप चाहते हैं कि हैदराबाद का नाम बदलकर भाग्यनगर किया जाय तो बीजेपी को वोट दीजिए। उन्होंने कहा कि देश पर आतंकवादी हमले रोकने का एकमात्र उपाय है कि बीजेपी को वोट दें। योगी ने कहा, (देश में) सभी आतंकवादी हमलों का कुछ न कुछ लिंक हैदराबाद से होता है। योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण की राह में कांग्रेस पर रोड़ा अटकाने का आरोप लगाते हुए दावा किया कि राहुल गांधी की कांग्रेस पार्टी और तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) ‘मुस्लिम तुष्टीकरण’ कर रही हैं। संगारेड्डी में बीजेपी की चुनावी सभा को संबोधित करते हुए आदित्यनाथ ने कहा, ‘भगवान राम के जन्मस्थान पर भव्य मंदिर निर्माण कराने के मार्ग पर कोई रोड़ा अटका रहा है तो वह कांग्रेस है। उन्होंने कहा, हमें कांग्रेस पार्टी की मंशा को समझने की कोशिश करनी चाहिए। वहीं योगी ने विकाराबाद जिले के तंदुर शहर में कहा, तेलंगाना में बीजेपी सरकार बनाती है तो मैं आप से यह सकता हूं कि ओवैसी को भी हैदराबाद से उसी तरह से भागना पड़ेगा जैसे निज़ाम भागने पर मजबूर हुए थे। बीजेपी सबको सुरक्षा देगी लेकिन किसी को अराजकता फैलाने की अनुमति नहीं देगी। उन्होंने कांग्रेस और टीआरएस पर मुस्लिम तुष्टीकरण करने और धार्मिक आधार पर उनके लिए योजनाएं बनाने का आरोप लगाया। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार फैजाबाद का नाम बदलकर अयोध्या और इलाहाबाद का नाम प्रयागराज कर चुकी है। मुख्यमंत्री योगी ने ट्वीट करके कहा था कि हमारी सरकार मुगल बादशाह अकबर की जन्मशती पर इलाहाबाद का नाम बदलकर उन्हें रिटर्न गिफ्ट दे रही है। दावा है कि अकबर ने ही 16वीं सदी में प्रयागराज का नाम इलाहाबाद किया था। सरकार के प्रवक्ता स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा था कि इलाहाबाद की जनता और साधु, संत भी चाहते थे कि इलाहाबाद को प्रयागराज के नाम से जाना जाए।