अन्तर्राष्ट्रीयब्रेकिंग

अभी-अभी: चीन के वीटो के बावजूद मसूद अजहर घोषित किया जा सकता है अंतरराष्ट्रीय आतंकी

पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित करने की राह में चौथी बार चीन के अड़ंगे से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के सदस्यों में जबरदस्त नाराजगी है। चीन को सख्त चेतावनी दी गई है कि अगर इस मामले में उसका रुख ऐसा ही रहा तो सुरक्षा परिषद मसूद के खिलाफ दूसरे कदम उठाएगी।

एक राजनयिक ने कहा, सुरक्षा परिषद के अन्य जिम्मेदार सदस्य मसूद के खिलाफ दूसरे तरीके अपनाने को मजबूर हैं। हालांकि, अगर ऐसा न हो तो बेहतर होगा। एक अन्य राजनयिक ने कहा कि चीन को संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध समिति को मसूद के खिलाफ कदम उठाने से नहीं रोकना चाहिए। यह कदम आतंकवाद के खिलाफ लड़ने और दक्षिण एशिया में क्षेत्रीय स्थिरता को बढ़ावा देने के चीन के अपने लक्ष्यों के भी खिलाफ है।
राजनयिक ने पाकिस्तान को उसकी जमीन से संचालित आतंकी संगठनों और उनके नेतृत्व को बचाने के लिए चीन की मदद लेने के लिए भी आड़े हाथ लिया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान आतंकी संगठनों को संरक्षण देने के लिए बार-बार चीन की मदद लेता है।

चीन की हो रही निंदा

अमेरिकी कांग्रेस के सदस्य ब्रैड शेरमैन ने चीन के इस कदम को अस्वीकार्य करार दिया। उन्होंने चीन से अपील की है कि वह संयुक्त राष्ट्र को अजहर पर प्रतिबंध लगाने दे। हेरिटेज फाउंडेशन के जेफ स्मिथ और अमेरिकन इंटरप्राइज इंस्टीट्यूट के सदानंद धूमे समेत अमेरिकी थिंक टैंक के कई सदस्यों ने चीन के इस कदम की निंदा की है। भारत ने चीन के फैसले पर निराशा जताने के साथ ही कहा है कि भारतीयों पर हुए हमलों में शामिल आतंकियों को सजा दिलाने के लिए हरसंभव दरवाजा खटखटाया जाएगा।

हर बार वीटो का इस्तेमाल करता है चीन

चीन 2009, 2016 और 2017 में भी मसूद को बचाने के लिए वीटो का इस्तेमाल कर चुका है। पुलवामा हमले के बाद अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन ने अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित करने के लिए सुरक्षा परिषद में प्रस्ताव पेश किया था। चीन को छोड़कर सभी सदस्यों ने इसका समर्थन किया था।

अमेरिका, फ्रांस, रूस और ब्रिटेन नाराज

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और रूस मसूद अजहर पर चीन के अड़ंगे से काफी नाराज हैं। इन चारों महाशक्तियां ने चीन को चेताते हुए कहा है कि वे आतंकी सरगना पर कार्रवाई के अन्य विकल्पों पर भी विचार कर सकते हैं।

फिर भी घोषित किया जा सकता है अंतरराष्ट्रीय आतंकी

– यूएन चार्टर के अनुच्छेद-27 के तहत फैसला हो सकता है।

– अफरमेटिव वोटिंग के जरिये सदस्य देश निर्णय ले सकते हैं।

– 15 में से 9 सदस्यों ने दिया साथ तो चीन की अहमियत खत्म।

चीन को लेकर भाजपा और कांग्रेस में तकरार

केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने पंडित नेहरू के 2 अगस्त, 1955 को मुख्यमंत्रियों को लिखे पत्र का हवाला देते हुए कहा, “कश्मीर और चीन पर मूल गलती एक ही व्यक्ति की है। अमेरिका ने कहा था कि चीन को संयुक्त राष्ट्र में लिया जाए, लेकिन सुरक्षा परिषद में न लिया जाए। इसके बजाय भारत को सुरक्षा परिषद में लिया जाए। इस पर प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने कहा कि यह चीन जैसे महान देश के साथ ठीक नहीं होगा।”

वहीं कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सीधे प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधा है। राहुल ने कहा, “कमजोर मोदी चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से डरे हुए हैं। जब चीन भारत के खिलाफ कदम उठाता है तो उनके मुंह से एक शब्द नहीं निकलता है। मोदी की चीन कूटनीति गुजरात में शी जिनपिंग के साथ झूला झूलना, दिल्ली में गले लगाना और चीन में घुटने टेक देना रही है।”

Related Articles

Back to top button