अभी-अभी: टेलीकॉम कंपनियों को लगा बड़ा झटका, सरकार ने लगाई तत्काल रोक
कंपनियों का बढ़ जाएगा खर्च
अब सरकार के इस आदेश के बाद टेलीकॉम कंपनियों का मोबाइल वेरिफिकेशन कराने में खर्च बढ़ जाएगा, क्योंकि उन्हें फिर से वेरिफिकेशन करने के लिए पुराने तरीकों का इस्तेमाल करना पड़ेगा।
जारी की अधिसूचना
मंत्रालय ने अधिसूचना जारी करते हुए कहा कि कंपनियों को वेरिफिकेशन के अलावा नई सिम जारी करने में आधार को ईकेवाईसी के तौर पर इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। मंत्रालय ने कंपनियों को 5 नवंबर तक का वक्त इस आदेश का पालन करने के लिए दिया है।
अपना सकते हैं दूसरा डिजिटल तरीका
इसके साथ ही मंत्रालय ने कंपनियों से कहा है कि वो केवाईसी के लिए आधार के अलावा अन्य डिजिटल तरीके का इस्तेमाल कर सकते हैं। प्रक्रिया को पेपरलेस बनाने के लिए कंपनियां ग्राहक की फोटो तुरंत खींचने और आईडी प्रूफ को स्कैन कर सकते हैं।
आधार नंबर की संवैधानिक वैधता को बरकरार रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बहुत सारी सेवाओं के लिए इसका प्रयोग बरकरार रखा है। हालांकि कोर्ट ने कई सेवाओं में आधार नंबर का प्रयोग करना अवैध करार कर दिया है।
तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने 26 सितंबर, 2018 को दिए गए अपने फैसले में कहा था कि आधार का लक्ष्य कल्याणकारी योजनाओं को समाज के वंचित तबके तक पहुंचाना है और वह ना सिर्फ व्यक्तिगत बल्कि समुदाय के दृष्टिकोण से भी लोगों के सम्मान का ख्याल रखती है।
सुप्रीम कोर्ट ने आधार एक्ट के सेक्शन 57 को हटा दिया था। इस सेक्शन की बदौलत ही मोबाइल कंपनियां और बैंक आधार नंबर के जरिए खाता खोलते थे या फिर सिम जारी करते थे। न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए. एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति ए. के. सीकरी ने आधार पर फैसला देते हुए कहा था कि संवैधानिक रूप आधार वैध है।