लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश में चुनाव प्रचार के दौरान कहा कि अगर आप गांवों में कब्रिस्तान बनाते हैं तो श्मशान घाट भी बनना चाहिए। अगर आप रमजान में बिना बाधा की बिजली देते हैं तो दिवाली के मौके पर भी बिजली पहुंचनी चाहिए, इन चीजों में किसी भी तरह का भेदभाव नहीं होना चाहिए। प्रधानमंत्री के इस बयान के बाद वह चारो तरफ से घिर गए हैं, शमशान घाट वाले बयान पर तमाम विपक्षी दलों के नेताओं ने पीएम को आड़े हाथों लिया है।
भाजपा के खिलाफ जा सकता है पीएम का बयान प्रधानमंत्री के इस बयान के बाद तमाम चुनावी विशेषज्ञों का कहना है कि यह चुनाव में भाजपा के खिलाफ जा सकता है और इसका नुकसान पीएम को उठाना पड़ सकता है। माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री का यह बयान समाजवादी पार्टी के लिए मददगार साबित हो सकता है, क्योंकि सपा को मुसलमान वोट बैंक की बड़ी पार्टी माना जाती है, लिहाजा पीएम के इस बयान से मुस्लिम वोटों का ध्रुवीकरण हो सकता है, जिसका सीधान नुकसान भाजपा को होगा। यादव-ओबीसी वोटबैंक हो सकता है एकजुट उत्तर प्रदेश चुनाव के तीन चरण खत्म हो चुके हैं, लेकिन अभी तक यह स्थिति साफ नहीं हो सकी है कि कौन सा दल आगे चल रहा है, कई लोगों का मानना कि इस बार का परिणाम त्रिकोणीय हो सकता है, वहीं भाजपा इस चुनाव को बड़े अंतर से जीतना चाहती है लिहाजा पीएम का यह बयान काफी अहम हो सकता है। इस बार के चुनाव में भाजपा सवर्ण वोट बैंक पर बहुत हद तक निर्भर है, ऐसे में पीएम के इस बयान के बाद यादव-ओबीसी वोट बैंक को भी मजबूत करेगा, ऐसे में पीएम का इस तरह का बयान हिंदुओं के वोट को उसकी तरफ आकर्षित कर सकता है।
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अगले चार चरण में हिंदु वोटों का ध्रुवीकरण पीएम का बयान तमाम हिंदु जातिओं को एकजुट करने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। यूपी में अगले चार चरण के मतदान काफी अहम हैं, शुरुआत के तीन चरण मुख्य रूप से स्थानीय मुद्दों पर निर्भर थे, लेकिन आखिरी के चार चरण जिसमें मध्य यूपी, पूर्वांचल अहम हैं। आगे के चरणों में पूर्वांचल काफी अहम है, यहां मुस्लिमों की संख्या काफी अधिक है, सपा-कांग्रेस और बसपा मुस्लिम वोटबैंक में सेंधमारी की पूरी कोशिश कर रही है, ये तीनों ही दल मुस्लिम वोटों पर काफी हद तक निर्भर हैं। ऐसी परिस्थिति में भाजपा के लिए हिंदु वोट काफी अहम हो जाते हैं, लिहाजा पीएम के बयान के बाद वोटों की ध्रुवीकरण के उम्मीद बढ़ गई है।