अभी-अभी: 22 साल बाद जम्मू-कश्मीर में ख़त्म हुआ राज्यपाल शासन
राष्ट्रपति शासन लागू हो जाने के बाद राज्यपाल की सारी विधायी शक्तियां संसद के पास रहेंगी और अब कानून बनाने का अधिकार संसद के पास होगा। नियमानुसार राष्ट्रपति शासन में बजट भी संसद से ही पास होता है। इस वजह से राज्यपाल शासन में ही लगभग 89 हजार करोड़ रुपये का बजट पास करा लिया गया। राज्यपाल शासन में कानून बनाने तथा बजट पास करने का अधिकार राज्यपाल के पास होता है। राष्ट्रपति शासन में अब राज्यपाल अपनी मर्जी से नीतिगत और संवैधानिक फैसले नहीं कर पाएंगे। इसके लिए उन्हें केंद्र से अनुमति लेनी होगी।
भाजपा के समर्थन वापस लेने के बाद जून में महबूबा मुफ्ती सरकार गिर गई थी। राज्यपाल शासन की अवधि 19 दिसंबर को समाप्त हो रही है। इस दौरान पिछले महीने कांग्रेस और नेकां के समर्थन से पीडीपी और सज्जाद लोन ने भाजपा के समर्थन से सरकार बनाने का प्रयास किया था। इस पर राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने सरकार गठन के लिए खरीद-फरोख्त और सरकार के स्थिर न होने का हवाला देते हुए 21 नवंबर को विधानसभा भंग कर दी थी।