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लखनऊ। यूपी में योगी सरकार आते ही पिछली समाजवादी सरकार के कई कारनामे सामने आ रहे हैं। अखिलेश यादव की सरकार में बन रहे जय प्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर (जेपीएनआईसी) में हुए घोटालों की परतें खुलने लगी हैं। इसे लेकर कई बड़े खुलासे हुए हैं। इसमें करोड़ों रुपए का घोटाला हुआ है। कमीशन के लालच में एलडीए के वीसी समेत कई अधिकारीयों ने सैकड़ों करोड़ रुपये की हेराफेरी कर दी है। अब इन अफसरों के खिलाफ योगी सरकार ने शिकंजा कसने की तैयारी कर रही है।
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घोटाले में लिप्त कई भ्रष्ट अफसरों की सूची तैयार हो गई है
योगी सरकार में आवास एवं शहरी नियोजन मंत्री सुरेश पासी ने एलडीए के वीसी सतेंद्र सिंह के साथ-साथ इस घोटाले में लिप्त कई भ्रष्ट अफसरों की सूची तैयार कर ली है। मंत्री सुरेश पासी सोमवार को अपनी रिपोर्ट सीएम योगी आदित्यनाथ को सौंपेंगे।
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जिसके बाद सतेंद्र सिंह, संपत्ति अधिकारी केके सिंह, अधिशासी अभियंता डीसी सचन, संजीव कुमार समेत एलडीए के कई अफसरों के ऊपर कभी भी गाज गिर सकती है। बताया जा रहा है कि जेपीएनआईसी का घोटाला नोएडा के यादव सिंह के घोटाले से भी कहीं बड़ा है। इसमें पेरिस से मंगाए गए एक पेड़ की कीमत 1 करोड़ 69 लाख है।
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नहीं करोड़ों रूपये के ये पेड़ लगने से पहले सूख भी गए
इतना ही नहीं करोड़ों रूपये के ये पेड़ लगने से पहले सूख भी गए। जबकि जेपीएनआईसी गेस्ट हाउस में लगे एक पत्थर भी 900 रुपये का है। ये करोड़ों के पत्थर वियतनाम से मंगाए गए हैं। इसके अलावा साज-सज्जा का सामान लाने के बहाने अधिकारीयों ने विदेशों की भी खूब सैर की। मंत्री ने अखिलेश सरकार के उस दावे को भी ख़ारिज कर दिया जिसमे कहा गया था कि जेपीएनआईसी का 85 फ़ीसदी नरीमन पूरा हो चुका है।
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वहीं, कैबिनेट मंत्री आशुतोष टंडन ने कहा कि जेपीएनआईसी का काम एक चौथाई पैसे में हो सकता था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि यहां जमकर घोटाला हुआ है। लखनऊ जैसे शहर में ऐसी इमारत की जरूरत नहीं थी। पूरी फिजूल खर्ची की गई है। इससे अच्छा गरीबों पर पैसा लगाते। उन्होंने कहा कि मामले की टेक्निकल जांच कराई जाएगी।