अभी-अभी: NDRF के साथ कई और एजेंसियों ने संभाला मोर्चा, जारी है रेस्क्यू ऑपरेशन
मेघालय खदान हादसे के 18 दिन बाद भी अभी तक 300 फीट गहरी इस टनल से मजदूर नहीं निकल पाए हैं। लेकिन कल 18वें दिन जवानों को खदान के अंदर से तीन हेलमेट बरामद हुए थे। वहीं अब NDRF, वायुसेना के जवानों के साथ कई अन्य एजेंसियों ने मजदूरों को निकालने के लिए मोर्चा संभाल लिया है।
NDRF के साथ कई एजेंसियों ने संभाला मोर्चा
कोयला खदान में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए रेस्क्यू जारी है। वहीं अब NDRF के साथ कई और एजेंसियां शामिल हो गई हैं और उन्होंने मोर्चा संभाला है। लेकिन अभी भी एनडीआरएफ की टीम उनको बचा पाने में सफल नहीं हुई है। खदान के अंदर मजदूरों को बचाने के लिए चलाये जा रहे रेस्क्यू में 18वें दिन जवानों को तीन हेलमेट बरामद हुए थे। बताया जा रहा है कि, खदान में अधिक पानी भर जाने से जवान अंदर नहीं जा रहे हैं। इस वजह से अभी तक मजदूरों को बाहर नहीं निकाला जा सका है। बताया जा रहा है कि, खदान के अंदर 70 फीट तक पानी भर गया है और इस वजह से उसमे जाना बेहद मुश्किल है।
बचाव के सही इंतजाम नहीं
15 दिन बीत जाने के बाद भी अभी तक मेघालय में फंसे मजदूरों के लिए कोई ख़ास इंतजाम नहीं किये जा सके हैं। वहीं खदान में नदी का पानी भर जाने से वह बाहर नहीं आ पा रहे हैं। राज्य सरकार की तरफ से पानी निकालने के लिए पंप का इंतजाम न होने की वजह से भी फंसे लोगों को निकालने में दिक्कत आ रही है। एनडीआरएफ के संतोष कुमार सिंह ने न्यूयॉर्क टाइम्स को बताया है। उनके मुताबिक एक दिक्कत ये भी है कि जो लोग बचावकार्य में जुटे हैं वह लोग केवल 40 फीट गहराई तक ही उतरने में महारत रखते हैं, जबकि इसमें पानी करीब 70 फीट तक भरा हुआ है। ऐसे में राज्य सरकार की तरफ से सही इंतजाम न होने की वजह से भी अभी तक रेस्क्यू नहीं किया जा सका है।
हाई स्पीड पंप की मदद
मेघालय खदान हादसे को करीब 15 दिन होने वाले हैं। लेकिन अभी तक मजदूरों का कुछ पता नहीं चल सका है। वहीं अब खदान में फंसे मजदूरों को हाई स्पीड पंप की मदद से बाहर निकाला जायेगा। वहीं बीते दिनों यह भी कहा गया कि, खदान में कई दिनों तक जिंदगी से जूझने के बाद दम तोड़ चुके हैं। अधिकारीयों ने खदान में दुर्गंध की बात भी कही थी। लेकिन अभी तक रेस्क्यू टीम खदान के अंदर नहीं पहुंच सकी है जिससे यह पुष्टि हो की मजदूरों के साथ कोई घटना हुई है। हालांकि अब इन मजदूरों को निकालने के लिए हाई पंप लाया गया है जिसकी मदद से मजदूरों को बाहर निकाला जाएगा।