लखनऊ : हाईकोर्ट ने गुरुवार को राज्य सरकार के वकील से पूछा कि इस मामले में विधायक को अब तक गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया। हाईकोर्ट ने मामले में स्वत: संज्ञान लिया है। गुरुवार सुबह आरोपी विधायक कुलदीप सेंगर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। हालांकि, उनकी गिरफ्तारी पर पुलिस का कहना है कि केस सीबीआई को ट्रांसफर किया जा चुका है, इसलिए आरोपी विधायक की गिरफ्तारी पर फैसला वही करेगी। गौरतलब है कि बुधवार को देर रात मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस रेप केस और पीड़िता के पिता की मौत की जांच सीबीआई को सौंप दी थी।
वहीँ कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ धारा 363, 366, 376, 506 और पॉस्को एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया। इससे पहले कुलदीप सेंगर रात 11:45 बजे अपने कई समर्थकों के साथ लखनऊ में एसएसपी के बंगले पर स्थित कैम्प ऑफिस पहुंचे। अनुमान था कि वह आत्मसमर्पण करने पहुंचे हैं, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। वहां से लौटते वक्त सेंगर के समर्थकों ने मीडिया से मारपीट भी की। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी बुधवार को लखनऊ में ही थे। उनके लखनऊ से निकलने के करीब आधे घंटे के बाद ही सेंगर एसएसपी के बंगले पर पहुंचे थे। जहां उन्होंने कहा, आप जहां कहो वहीं चलें। आपके चैनल में चलकर बैठें। मैं चैनल के साथियों के कहने पर यहां आया हूं। चैनल के साथी जहां पर कहेंगे वहां चलूंगा। विधायक कुलदीप सिंह सेंगर एसएसपी के बंगले पर बसपा विधायक अनिल सिंह और सपा के विधान पार्षद अक्षय प्रताप गोपाल के साथ पहुंचे थे। प्रदेश सरकार का कहना है कि पीड़िता के परिवार को सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी। जेल अस्पताल के 3 डॉक्टर डॉ. मनोज कुमार (आर्थोसर्जन), डॉ. जीपी सचान (सर्जन) और डॉ. गौरव अग्रवाल (ईएमओ) के खिलाफ लापरवाही बरतने के आरोप में कार्रवाई के आदेश दिए गए। पीड़िता के पिता के इलाज में लापरवाही बरतने के आरोप में उन्नाव जिला अस्पताल के 2 डॉक्टर डॉ. डीके द्वेदी (सीएमएस) और डॉ. प्रशांत उपाध्याय (ईएमओ) को निलंबित किया गया। सीओ सफीपुर कुंवर बहादुर सिंह को मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित किया गया। सरकार ने एसआईटी, जेल डीआईजी और उन्नाव जिला प्रशासन से भी रिपोर्ट मांगी थी। तीनों रिपोर्ट मिलने के बाद गृह विभाग ने ये फैसले लिए। रिपोर्ट में विधायक सेंगर के भाई अतुल को रेप पीड़ित के पिता से मारपीट का दोषी बताया गया है। पीड़िता के पिता के साथ मारपीट और उन पर झूठा केस करने के आरोप में मंगलवार को विधायक के भाई अतुल समेत 4 लोगों को उन्नाव से गिरफ्तार किया गया था। इन सभी को उन्नाव जेल भेजा गया है। बीते सोमवार को जेल से हॉस्पिटल लाए गए पीड़िता के पिता की संदिग्ध हालात में मौत हो गई थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ था उनकी मौत आंत फटने से हुई थी। शरीर पर 14 जगह गंभीर चोट के निशान थे। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बुधवार को इस मामले में स्वतः संज्ञान लिया। मामले की 12 अप्रैल को सुनवाई होगी। वहीं, सुप्रीम कोर्ट में भी एक याचिका लगाई गई थी, जिसमें केस की जांच सीबीआई से कराने और पीड़ित को मुआवजा देने की मांग की गई है। सर्वोच्च न्यायलय इस पर सुनवाई को राजी हो गया है।
वहीँ कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने बुधवार को ट्वीट कर कहा की यूपी में अपनी बेटी के लिए न्याय की गुहार कर रहे एक पिता पर हुई बर्बरता ने मानवता को शर्मसार कर दिया है। आशा है कि प्रधानमंत्री भाजपा शासन में महिलाओं पर हो रहे अत्याचार, कानून तंत्र की विफलता और बढ़ती अराजकता के लिए भी जल्द ही उपवास रखेंगे। उधर उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राज बब्बर ने कहा कि महिला कांग्रेस की टीम उन्नाव जाएगी। राहुल गांधी ये फैसला करेंगे कि उन्हें उन्नाव जाना है या नहीं। हालांकि, पार्टी सूत्रों ने बताया कि राहुल गांधी आज उन्नाव जा सकते हैं।
मुख्यमंत्री योगी ने सोमवार शाम विधायक कुलदीप सेंगर को तलब किया था। इस पर सेंगर ने कहा था, मुझे बुलाया नहीं गया है, बल्कि मैं खुद उनसे मिलने आया हूं। मुझे जांच से कोई परेशानी नहीं है। जो लोग आरोप लगा रहे हैं वो निम्न स्तर के हैं और यह अपराधियों की साजिश है। दूसरी तरफ बुधवार को आरोपी विधायक कुलदीप की पत्नी संगीता सेंगर डीजीपी आवास पहुंचीं और कहा, “मैं यहां पति के लिए न्याय की गुहार लगाने आई हूं। हम चाहते हैं कि आप हमारे पति और पीड़िता का नार्को टेस्ट करा लीजिए। मेरी बेटियां बेहद परेशान हैं। अब तक कोई सबूत नहीं पेश किया गया है, लेकिन उन्हें रेपिस्ट बताया जा रहा है।