लंदन की अदालत में विजय माल्या के प्रत्यर्पण का रास्ता भले साफ कर दिया हो लेकिन उसके भारत लाए जाने के लिए सरकार को अभी भी लंबा इंतजार करना पड़ सकता है। माल्या को इस प्रत्यर्पण आदेश के खिलाफ लंदन के विभिन्न उच्च अदालतों में अपील करने का अधिकार है जिसके निपटारे में छह से आठ महीने का वक्त लग सकता है।
हालांकि सीबीआई ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा है कि एजेंसी माल्या के प्रत्यर्पण पर कड़ी मेहनत के साथ महीनों से काम कर रही है। सीबीआई की कोशिश है कि उसे जल्द से जल्द भारत लाया जा सके। सीबीआई के संयुक्त सचिव साई मनोहर की अगुवाई में एक टीम लंदन में पहले से मौजूद है। सीबीआई के प्रवक्ता अभिषेक दयाल ने कहा कि एजेंसी की अपनी मजबूत कार्यप्रणाली है। इस मामले में सीबीआई ने काफी पुख्ता सबूत और दलील अदालत के सामने रखे हैं।
माल्या को वहां की कोर्ट ऑफ अपील (सीओए) में इस फैसले के खिलाफ अर्जी देने के लिए 14 दिन का वक्त मिला है। सीबीआई सूत्रों के मुताबिक सीओए में अपील करने और उसपर फैसला आने में कम से कम एक महीने का वक्त लगेगा। सीओए में अगर फैसला माल्या के खिलाफ आता है तो उसे वहां की सुप्रीम कोर्ट में भी अपील करने का अधिकार है। इसके लिए वह पहले ब्रिटिश सुप्रीम कोर्ट में अपील की अनुमति की अर्जी देगा। इस अर्जी पर हरी झंडी मिलने के बाद वह प्रत्यर्पण के इस फैसले के खिलाफ अपनी दलील पेश करेगा। सूत्रों के मुताबिक इस पूरी प्रक्रिया में छह से आठ महीने लग सकते हैं।
माल्या का फौरन भारत आना तभी संभव है जब वह किसी भी अदालत में अपील ना कर भारत आने को तैयार हो जाए। सीबीआई की लंदन में मौजूद टीम इस कोशिश में लगी है कि वहां के कानूनी अड़चनों को दूर कर उसे बिना समय गंवाए भारत लाया जाए। अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर डील के बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल के बाद माल्या के प्रत्यर्पण का रास्ता साफ करने संबंधी आदेश को सरकार की बड़ी सफलता माना जा रहा है।
मुंबई का ऑर्थर रोड जेल होगा विजय माल्या का नया ठिकाना
किंगफिशर एयरलाइंस के पूर्व कर्ता-धर्ता और शराब कारोबारी विजय माल्या का नया ठिकाना मुंबई का ऑर्थर रोड जेल होगा। इस जेल का बैरक क्रमांक 12 विजय माल्या के लिए तैयार किया गया है। इसे उच्च सुरक्षा वाली बैरक माना जाता है। इसी बैरक में 26/11 के मुंबई आतंकी हमले का दोषी अजमल कसाब को भी रखा गया था।
ऑर्थर रोड जेल के एक अधिकारी ने कहा कि विजय माल्या को लंदन से प्रत्यर्पित किए जाने पर उसे जेल परिसर के अंदर दो मंजिला इमारत में स्थित उसी उच्च सुरक्षा वाले बैरक में रखा जाएगा जहां 26/11 मुंबई आतंकी हमले के दोषी अजमल कसाब को रखा गया था। अधिकारी ने बताया कि माल्या को हम अपने सुधार केंद्र में सुरक्षित रखने के लिए पूरी तरह तैयार है।
उन्होंने बताया कि हम उसकी सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी संभालेंगे। यही नहीं, चिकित्सकीय आपात स्थिति में माल्या को बैरक लगे चिकित्सक केंद्र में आसानी से ले जाया जा सकता है जहां कैदियों के प्राथमिक उपचार के लिए डॉक्टर और अन्य कर्मचारी होते हैं। अधिकारी के अनुसार उच्च सुरक्षा वाली बैरक अन्य कोठियों से अलग है। यहां लगातार सीसीटीवी की निगरानी होती है और अत्याधुनिक हथियारों के साथ सुरक्षाकर्मी हमेशा तैनात रहते हैं।
विजय माल्या ने इससे पहले लंदन की अदालत में प्रत्यर्पण के खिलाफ भारतीय जेलों की खराब स्थिति का हवाला देते हुए याचिका दायर की थी। उसने कहा था कि भारत के जेल कैदियों के रहने लायक नहीं है। इसके बाद ऑर्थर रोड जेल प्रशासन ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को ऑर्थर रोड जेल का एक वीडियो भेजा था और कहा था कि ऑर्थर रोड जेल विजय माल्या को रखने के लिए पूर्ण सुरक्षित है।