अमरनाथ यात्रियों पर आंतकी हमला नहीं हुआ, यह महज दुर्घटना थी?
दस जुलाई, दिन सोमवार, समय रात के लगभग 9 बजे. खबर आई की जम्मू-कश्मीर में अमरनाथ यात्रियों से भरी बस पर गोलीबारी हुई. खबर आते ही देशभर की मीडिया के सामने यह साफ हो गया कि श्रीनगर के आसपास अमरनाथ यात्रियों से भरी बस पर आतंकियों ने जमकर गोलियां बरसाई. घटना में 7 यात्रियों की मौत हो गई. 19 यात्री घायल हुए. लेकिन इस खबर में ट्विस्ट लोकल अखबार और वेबसाइट पर छपी खबरों से आया.
जम्मू-कश्मीर के अखबारों में छपी खबर के मुताबिक यात्रियों से भरी बस गलत समय पर गलत जगह पहुंच गई. अखबार के हवाले से कहा गया है कि जिस वक्त यात्रियों से भरी बस घटनास्थल के नजदीक पहुंची, वहां पहले से जम्मू-कश्मीर पुलिस और आंतकियों में मुठभेड़ चल रही थी. यह मुठभेड़ 10 मिनट तक चलती रही.
सबसे पहले अनंतनाग से बटंगू के रास्ते में खानाबल की पुलिसी चौकी पर आतंकियों ने हमला किया. हमले में तीन पुलिसकर्मी घायल हुए लेकिन जवाबी फायरिंग के चलते आंतकी बटंगू की तरफ भागने पर मजबूर हो गए. इस फायरिंग के दौरान एनएच-1ए पर श्रीनगर की तरफ से आ रही बस, जम्मू जा रही था, बीच में आ गई. बस में सवार यात्री महाराष्ट्र और गुजरात के मूल निवासी थे और वह अपनी अमरनाथ यात्रा पूरी करने के बाद दो दिन तक श्रीनगर भी घूम चुके थे.
अब इस खबर से आया ट्विस्ट नई थ्योरी सामने कर रहा है? क्या वाकई अमरनाथ यात्री किसी आंतकी हमले के शिकार नहीं हुए हैं? वह किसी आतंकी संगठन के निशाने पर नहीं थे? यह पूरा हमला महज एक इत्तेफाक था और शायद अमरनाथ यात्रियों की बस यदि खराब न हुई होती तो वह इस गोलीबारी से साफ बच गए होते.