अमित शाह बने रह सकते हैं भाजपा अध्यक्ष, संघ ने बताया मेहनती नेता
बोकारो. झारखंड बिहार और दिल्ली विधानसभा चुनाव में कारारी हार के बाद भी अमित शाह से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष पद की कुर्सी नहीं छिनी जाएगी. मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के दबाव में अमित शाह को अध्यक्ष पद पर बरकरार रखा जाएगा.
दिल्ली के बाद बिहार विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद भाजपा के वरिष्ठ नेताओं लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, शांता कुमार जैसे नेताओं ने अमित शाह पर सवाल उठाए थे. साथ ही उन्हें इस हार के लिए जिम्मेदारी लेने का दबाव बनाया था.
संघ ने शाह के पक्ष में दी ये दलीलें
अमित शाह को भाजपा के अध्यक्ष पद पर बनाए रखने के लिए संघ की ओर से कई दलीलें दी गई हैं. संघ ने कहा है कि अमित शाह काफी मेहनती हैं. बिहार में हार पर संघ ने कहा कि यह अमित शाह ही हार नहीं बल्कि लालू-नीतीश की जोड़ी के सामाजिक समीकरण की जीत है.
संघ ने यह भी कहा कि अमित शाह ने लोकसभा चुनाव में भी काफी अच्छा काम किया था. इसके बाद अध्यक्ष पद संभालने के बाद उन्हीं के नेतृत्व में झारखंड, महाराष्ट्र, हरियाणा में सरकार बनी. इसके अलावा जम्मू कश्मीर में पीडीपी के साथ सरकार चल रही है. साथ ही मणिपुर, केरल और लद्दाख जैसे क्षेत्रों में पहली बार भाजपा का असर दिखा.
अमित शाह जुलाई 2014 में पार्टी अध्यक्ष बने थे. उनका मौजूदा कार्यकाल दिसंबर में खत्म हो रहा है.
उधर, अमित शाह पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव की तैयारियों में लगे हैं. इसी चुनाव को ध्यान में रखकर कोलकाता में भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक होने वाली है, जिसकी तैयारी में अमित शाह जुटे हैं. कार्यकारिणी में 105 सदस्य हैं, लेकिन शाह ने केवल 80 लोगों को ही आमंत्रित किया है.
बताया जा रहा है कि कार्यकारिणी की बैठक में पश्चिम बंगाल चुनाव के अलावा दिल्ली और बिहार चुनावों में हार पर भी चर्चा होगी.