अमित सिंघल को यौनाचार के आरोप में गूगल के उपाध्यक्ष के पद से धोना पड़ा हाथ
सान फ़्रांसिस्को : भारतीय-अमेरिकी आईटी कर्मी अमित सिंघल को यौनाचार के आरोप में संलिप्तता के चलते गूगल के उपाध्यक्ष के पद से हाथ धोना पड़ा है। इसके लिए कंपनी को अपनी साख बचाने व निर्धारित नियमों के तहत निष्कासन के फलस्वरूप 35 मिलियन डॉलर चुकाने पड़े हैं। इस संदर्भ में एक स्थानीय अदालत ने अमित सिंहल के आरोपित होने के बारे में दस्तावेज जारी कर दिए। वह कम्पनी के अंशधारक भी थे।
यौनाचार की किसी भी घटना से इनकार
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अमित वर्ष 2016 में कंपनी छोड़कर उबर में काम करना शुरू कर दिया था लेकिन वह वहां ज्यादा दिन नहीं टिक पाए। उल्लेखनीय है कि बीते वर्ष ‘मीटू’ आंदोलन की जब लहर चली थी, तब गूगल के हजारों कर्मियों ने अपने सहयोगी कर्मियों पर यौनाचार का आरोप लगाया था और कंपनी से त्यागपत्र दे दिया था। इस पर गूगल की पैतृक कंपनी ‘अल्फाबेट’ ने साख बचाने के लिए कड़े कदम उठाए थे। इसी तरह बीते वर्ष भी एक अन्य मामले में कंपनी ने अपने एक वरिष्ठ कर्मी को मोटी रकम देकर पीछा छुड़ाया था| हालांकि उस कर्मी ने यौनाचार की किसी भी घटना से इनकार किया था।