अमृतसर में सरबत खालसा आज, टिकी दुनिया भर की नजरें
दस्तक टाइम्स/एजेंसी- पंजाब:
आज अखंड पाठ के भोग के बाद सरबत खालसा की शुरुआत होगी। इसे लेकर पूरा अमृतसर जिला पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है। देर रात तक डीजीपी सुरेश अरोड़ा, उपमुख्यमंत्री और अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल के भी अमृतसर पहुंचने की चर्चा है।
सरबत खालसा के दौरान टकराव रोकने के लिए कड़े सुरक्षा प्रबंध कर दिए गए हैं। अमृतसर में रिजर्व पुलिस बल के साथ-साथ आईटीबीपी के जवान भी तैनात किए गए हैं। इसके अलावा महिला पुलिस को भी तैनात किया गया है। अमृतसर शहर आने वाली हर बस, कार और अन्य वाहनों की चेकिंग की जा रही है। पुलिस कई बसों को कब्जे में ले चुकी है।
पांच लाख श्रद्धालुओं के पहुंचने का दावा
आयोजकों का दावा है कि गुरु नगरी में दो लाख से अधिक श्रद्धालु सरबत खालसा में हिस्सा लेने केलिए सोमवार शाम तक पहुंच चुके हैं। कार्यक्रम में पांच लाख के करीब श्रद्धालुओं की पहुंचने का दावा किया जा रहा है।
कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाली संगत होटलों, गुरुद्वारा साहिब और लोगों के घरों में ठहरी है। सरबत खालसा के मद्देनजर बड़ी संख्या में श्रद्धालु हरमंदिर साहिब भी पहुंच गए हैं, जो अलग अलग सरायों में ठहरे हैं। सोमवार रोजाना के मुकाबले दोगुने श्रद्धालु स्वर्ण मंदिर पहुंचे थे।
24 से ज्यादा नेता गुरुनगरी पहुंचे
सरबत खालसा का आयोजन करने वाले 24 से भी अधिक नेता अमृतसर पहुंच चुके हैं और अलग-अलग जगह पर ठहरे हैं। चर्चा है कि सरबत खालसा के दौरान यहां सिख पंथ, कौम के भविष्य के लिए सार्थक फैसले लेगा, वहीं पांचों तख्तों के जत्थेदारों को भी उनके पदों से हटाए जाने की संभावना है। चर्चा तो यह भी है कि अकाली दल बादल के अध्यक्ष रहे चुके पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल को दिए गए फख्र-ए-कौम अवार्ड के पर भी सवाल उठाए जा सकते हैं।
रुकावट डाली तो मुश्किल में पड़ जाएगी सरकार
अकाली दल यूनाइटेड के नेता भाई मोहकम सिंह ने कहा कि सरबत खालसा पूरी तरह सफल होगा। देश व विदेशों से करीब पांच लाख श्रद्धालु इस कार्यक्रम में पहुंच रहे हैं। सरकार ने सरबत खालसा के रास्ते में रुकावटें खड़ी कीं तो यह सरकार के लिए मुश्किल बनेंगी। उन्होंने कहा कि सिख कौम का अब पांच तख्तों के जत्थेदारों पर विश्वास नहीं रह गया है। सिख कौम अब अपनी अगुवाई किसी योग्य नेता के हाथों में सौंपना चाहती है। वहीं पांच प्यारों की ओर से तलब किए जाने के बावजूद जत्थेदार श्री अकाल तख्त साहिब पर पेश नहीं हुए हैं। इसलिए श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार के पास भी अब दिवाली पर कौम के नाम संदेश का कोई अधिकार नहीं रह गया है। उन्होंने कहा कि एसजीपीसी भी जत्थेदारों को पांच प्यारों के आदेशों के बावजूद पदों से हटा नहीं रही है। इसलिए अब सिख कौम अपना और जत्थेदारों के भविष्य का फैसला खुद करेगी।