अमेठी की तिलोई सीट पर त्रिकोणीय संघर्ष, गोटियां फिट करने में जुटे प्रत्याशी
लखनऊ। विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए गोटियां फिट करने में जुटे हैं। तिलोई विधानसभा की समान्य सीट पर आजादी के बाद से अब तक अधिकांश एमएलए विजयी हुए हैं। इस बार इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला है। 2012 में भी कांग्रेस पार्टी के ही टिकट पर वर्तमान विधायक डॉ. मुस्लिम चुनाव जीते, इस बार उन्होंने हाथी की सवारी कर ली है हालांकि इस बार डॉ. मुस्लिम उम्मीदार नहीं है। इस सीट पर उनके पुत्र मोहम्मद सऊद बसपा के उम्मीदवार है। कांग्रेस पार्टी से विनोद कुमार मिश्रा प्रत्याशी है। मुस्लिम के पार्टी से इस्तीफा देने के बाद कांग्रेस ने ब्राम्हण कार्ड खेलते हुए विनोद मिश्रा को चुनाव मैदान में उतार दिया। तिलोई में ब्राम्हण बिरादरी का मतदाता साठ हजार के आस पास है। कांग्रेस का अपना भी मतदाता है। इधर सपा-कांग्रेस गठबन्धन पर नजर डाली जाये तो सपा का भी वोटर कांग्रेस पार्टी को यहां समर्थन दे रहा है।
तिलोई विधानसभा के ब्लाक बहादुरपुर, सिंहपुर, तिलोई क्षेत्र में कांग्रेस प्रत्याशी की लोकप्रियता से गठबन्धन का चेहरा लोगों को ज्यादा भा रहा है। यह कहना अतिश्योक्ति होगा कि तिलोई सीट पर कांग्रेस की हैट्रिक लग सकती है। बसपा की हाथी पर सवार सऊद भी अल्पसंख्यक एवं दलित वोटरों की आस लगाये पिता के स्थान पर पुनः हैट्रिक के लिए काफी मेहनत के साथ क्षेत्र में जनसंपर्क में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं। भाजपा के उम्मीदवार राजा मंयकेश्वर शरण सिंह जो समाजवार्दी पार्टी से त्यागपत्र देकर इस बार भाजपा से चुनाव लड़ रहे हैं वह भी अपनी टीम के साथ घर घर जाकर सेवाभाव की बात कहकर मतदान को अपने पक्ष में लाने का भरसक प्रयास कर रहे हैं। इसी प्रकार अन्य पार्टी के उम्मीदवार भी चुनाव प्रचार में लगे हुए है। कांग्रेस पार्टी, बसपा, भाजपा के प्रत्याशी यहां अपनी अपनी हैट्रिक के लिए घमासान करते देखे जा रहे हैं। हैट्रिक किसकी लगेगी यह तो चुनाव के बाद ही पता चलेगा।