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अमेरिका और UN की चेतावनी के बावजूद नहीं गई किम जोंग की अकड़

नॉर्थ कोरिया और अमेरिका के बीच तनाव दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। पिछले दिनों नॉर्थ कोरिया द्वारा परमाणु परीक्षण किए जाने के बाद से दोनों देशों के बीच तनातनी और बढ़ गई है। केवल अमेरिका ही नहीं बल्कि संयुक्त राष्ट्र और दुनिया के तमाम देश उत्तर कोरिया के इस कदम का लगातार विरोध कर रहे हैं वहीं दूसरी तरफ नॉर्थ कोरिया के नेता किम जोंग ने अपनी सनक से पड़ोसी देशों की नींद उड़ा दी है। 

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अमेरिका और UN की चेतावनी के बावजूद नहीं गई किम जोंग की अकड़किम की धमकी पर ट्रंप का पलटवार
नॉर्थ कोरिया की धमकियों के जवाब में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी कई बार उसे चेतावनी दे चुके हैं और संयुक्त राष्ट्र से भी इस मामले में दखल देने की अपील कर चुके हैं। उत्तर कोरिया को चेतावनी देते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा था कि अगर नॉर्थ कोरिया ने यूएस को धमकाने की कोशिश की तो उसे ऐसी आग से होकर गुजरना पड़ेगा जैसी दुनिया ने पहले कभी नहीं देखी होगी।

अमेरिका को मिला जापान और साउथ कोरिया का साथ
इसके साथ ही साउथ कोरिया और जापान ने भी नॉर्थ कोरिया द्वारा उठाए जा रहे कदम का लगातार कड़ा विरोध किया है। आपको बता दें कि पिछले दिनों नॉर्थ कोरिया का तानाशाह किम जोंग फिर से सनक गया और जापान की तरफ मिसाइल दाग दी। बताया जा रहा है कि किम जोंग ने ये ताजा मिसाइल परीक्षण किया, जिसमें मिसाइल जापान के ऊपर से गुजरी और जापान के एक द्वीप के पास उत्तरी प्रशांत महासागर में जाकर गिरी है। इसके जवाब में जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने अमेरिका से उत्तर कोरिया पर दबाव बढ़ाने को कहा था। उन्‍होंने कहा था कि जापानी लोगों की सुरक्षा के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे।

धीरे-धीरे तूल पकड़ता जा रहा है मामला
नॉर्थ कोरिया के अब तक के सबसे ‘खतरनाक’ हाइड्रोजन बम का सामना करने के लिए अमेरिका और साउथ कोरिया ने अपनी कमर कस ली है। परमाणु परीक्षण करने के दो दिन बाद दक्षिण कोरिया ने नॉर्थ कोरिया को चेतावनी दी और समुद्र में कार्रवाई के खिलाफ कड़ा संदेश देते हुए एक बड़ी ‘लाइव फायर’ प्रैक्टिस की। आपको बता दें कि उत्तर कोरिया, अमेरिका और साउथ कोरिया के बीच यह मामला धीरे-धीरे तूल पकड़ता जा रहा है।

कब बढ़ा तनाव ?
एक के बाद एक मिसाइल का परीक्षण करके नॉर्थ कोरिया अपने दुश्मन देशों को चेतावनी देने में पीछे नहीं हट रहा है। इस मामले में स्थिति तब और तनावपूर्ण हो गई जब अगस्त में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने नॉर्थ कोरिया के खिलाफ आपात बैठक बुलाई और उत्तर कोरिया से अंतरराष्ट्रीय नियमों को मानने की अपील की।

किम जोंग की तानाशाही के चलते ना केवल अमेरिका, साउथ कोरिया और उसके पड़ोसी देशों को तमाम तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है बल्कि नॉर्थ कोरिया की जनता भी इस वजह से समय-समय पर दिक्कतों से जूझती रहती है। नॉर्थ कोरिया में मानवाधिकार उल्लंघन के रिकॉर्ड मामले हैं, जिसे जान कोई भी खौफजदा हो जाएगा। इसके साथ ही यहां भ्रष्टाचार और गरीबी हर ओर व्याप्त है। यहां किसी भी शख्स को राजनीतिक या आर्थिक रूप से बोलने की आजादी नहीं है। 

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कोई सख्त कदम नहीं
इस दौरान नॉर्थ कोरिया के परमाणु परीक्षण को रोकने के लिए ना ही कोई सही अप्रोच किया गया और ना ही कोई सख्त कदम उठाया गया, इसलिए दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ता ही गया। इसके अलावा आलोचकों ने इस स्थिति के लिए चीन को भी जिम्मेदार ठहराया है। उनका कहना है कि चीन को नॉर्थ कोरिया पर प्रतिबंधों को और प्रभावित करना चाहिए था।

आपको बता दें कि उत्तर कोरिया ने साल 2006 से ले कर अब तक कुल 6 परमाणु परीक्षण किए हैं और हर बार उसने इसके लिए पुंगे-री पहाड़ी में बनी एक जगह का इस्तेमाल किया है। माना जाता है कि उत्तर कोरिया के उत्तर-पूर्व की पहाड़ियों में मौजूद ये जगह परमाणु परीक्षण के लिए देश की सबसे महत्वपूर्ण जगह है और दुनिया का एकमात्र एक्टिव परमाणु परीक्षण जगह भी है।

 

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