अमेरिका के सैन्य कमांडर ने बताया, ‘मुमकिन था ओसामा को जिंदा पकड़ना’
पाकिस्तान की सीमा के अंदर घुसकर ओसामा बिन लादेन को मारने का ऑपरेशन अब 6 साल पुरानी बात हो गई है। इतने समय बाद भी इस पूरे मामले को लेकर कई तरह के कयास लगाए जाते हैं। कुछ लोगों का कहना है कि ओसामा अभी भी जिंदा है और अमेरिका ने उसे किसी गुप्त ठिकाने पर छुपाकर रखा है। उस ऑपरेशन में अमेरिकी सील टीम 6 के विशेष दल का नेतृत्व कर रहे मिलिटरी कमांडर ऐडमिरल विलियम मैकरेवन ने कहा कि कि ओसामा को जिंदा पकड़ा जा सकता था। BBC के न्यूजनाइट शो में बोलते हुए ऐडमिरल मैकरेवन ने कहा इस हाई-प्रोफाइल ऑपरेशन का मकसद हर हाल में ओसामा को मारना नहीं था।
ऐडमिरल ने कहा कि यह ऑपरेशन बिल्कुल उसी तरह हुआ, जैसे इसकी योजना बनाई गई थी। केवल एक चीज जो प्लान से अलग हटकर हुई, वह था अमेरिकन टीम द्वारा हेलिकॉप्टर को खत्म करना। लैंडिंग के दौरान इस हेलिकॉप्टर में समस्या आ गई थी। इसके कारण अमेरिकी सील टीम को यह हेलिकॉप्टर नष्ट करना पड़ा। इसी वजह से वे उतने गुपचुप तरीके से अंदर नहीं घुस पाए, जैसी उन्होंने योजना बनाई थी। प्लान के मुताबिक, सील टीम को रस्सियों की मदद से उस इमारत की छत पर उतरना था जहां ओसामा और उसका परिवार रह रहा था। ऐडमिरल मैकरेवन ने कहा, ‘जब भी आप इस तरह के ऑपरेशन की योजना बनाते हैं, तो बुरी से बुरी स्थिति के लिए तैयार होकर जाते हैं। इसी वजह से हमारे पास एक प्लान ए था। प्लान ए के असफल रहने की स्थिति से निपटने के लिए प्लान बी, प्लान सी और प्लान डी भी था।’
छापेमारी शुरू होने के करीब 20 मिनट बाद सील टीम को इमारत की तीसरी मंजिल पर ओसामा मिला। उसे भी गोली मार दी गई। यह पूछे जाने पर कि क्या ओसामा को जिंदा पकड़ना मुमकिन था, ऐ़डमिरल ने कहा, ‘हां, बिल्कुल। लोगों को लगता है कि यह मिशन ओसामा को मारने का मिशन था, लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है। हमारा मकसद उसको मारना नहीं था।’ ओसामा की दोनों पत्नियां उसे बचाने की कोशिश कर रही थीं। ओसामा को सिर में 3 गोलियां मारी गई थीं, तीसरे वार में वह जमीन पर गिर पड़ा। वाइट हाउस के सिचुएशन रूम से इस पूरे ऑपरेशन को देख रहे बराक ओबामा ने भी बाद में कहा था कि वह चाहते थे ओसामा जिंदा पकड़ा जाए।
मालूम हो कि ब्रिटेन के लेबर पार्टी के प्रमुख जेरेमी कोर्बिन ने इस पूरे ऑपरेशन की निंदा करते हुए कहा था कि बिना अदालती कार्रवाई के ओसामा को इस तरह मार डालना ‘दुखद’ था। इस ऑपरेशन के बाद ईरान के सरकारी टीवी चैनल से बात करते हुए कोर्बिन ने कहा था, ‘मुझे नहीं लगता कि ओसामा को जिंदा पकड़कर उसके खिलाफ अदालती प्रक्रिया शुरू करने की कोशिश की गई। यह हत्या की कोशिश थी और यह सब बहुत दुखद था।’ कोर्बिन ने कहा था, ‘वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हमला एक दुखद घटना थी। अफगानिस्तान पर हमला करना भी एक दुखद घटना थी। इराक का युद्ध भी एक ट्रैजेडी था। हजारों-हजार लोग मारे गए।’