अमेरिका: ट्रंप के खिलाफ चलेगा महाभियोग, कहा- जीत कर दिखाऊंगा
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ महाभियोग चलाने का रास्ता साफ हो गया है। अमेरिकी कांग्रेस की प्रतिनिधि सभा (हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव) की स्पीकर नैंसी पेलोसी ने बृहस्पतिवार को इस बात की घोषणा की। पेलोसी ने कहा, ट्रंप ने अधिकारों के दुरुपयोग, राष्ट्रीय सुरक्षा की अनदेखी और चुनावों की संप्रभुता को खतरे में डालने का काम किया है। राष्ट्रपति ट्रंप ने हमारे लिए उन पर महाभियोग चलाने की कार्रवाई पर आगे बढ़ने के अलावा कोई अन्य रास्ता नहीं छोड़ा है। यह फैसला ऐसे समय में आया है, जब राष्ट्रपति ट्रंप तीन दिन के दौरे पर ब्रिटेन गए हुए हैं। प्रतिनिधि सभा में बहुमत रखने वाली डेमोक्रेटिक पार्टी को राष्ट्रपति ट्रंप पर महाभियोग चलाने के प्रस्ताव पर आसानी से जीत मिलने की संभावना है, जिसके बाद ट्रंप अमेरिकी इतिहास में संसद की तरफ से पदच्युत होने की कार्रवाई का सामना करने वाले महज तीसरे राष्ट्रपति बन जाएंगे।
अमेरिकी राजधानी से टेलीविजन पर सीधे प्रसारण में बोलते हुए 79 वर्षीय पेलोसी ने ट्रंप के खिलाफ आरोपों की घोषणा की। उन्होंने कहा, हमारा लोकतंत्र दांव पर है। राष्ट्रपति ने हमारे लिए कार्रवाई के अलावा कुछ और करने का विकल्प नहीं छोड़ा है, क्योंकि वह एक बार फिर चुनावों को अपने फायदे के लिए भ्रष्ट करने का प्रयास कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, अफसोस की बात है, लेकिन विश्वास और विनम्रता, हमारे संस्थापकों के प्रति निष्ठा और अमेरिका के लिए दिल में मौजूद प्यार के साथ आज मैं अपने चेयरमैन से महाभियोग का मसौदा तैयार करने की प्रक्रिया पर आगे बढ़ने को कह रही हूं। इस घोषणा के साथ डेमोक्रेटिक पार्टी ने महाभियोग प्रस्ताव पर मतदान की प्रक्रिया को आगे बढ़ा दिया है। माना जा रहा है कि मतदान का आयोजन क्रिसमस के दौरान किया जाएगा।
इससे पहले पेलोसी ने अपनी घोषणा में कहा, राष्ट्रपति के कारनामों ने हमारे संविधान का गंभीर उल्लंघन किया है। पेलोसी ट्रंप को सांविधानिक तरीके से मंजूर महाभियोग प्रक्रिया के जरिये व्हाइट हाउस से बाहर करने के डेमोक्रेटिक पार्टी के अभियान की अगुआई कर रही हैं। हालांकि इस अभियान की सफलता उसी स्थिति में संभव है, जब डेमोक्रेट्स को अमेरिकी कांग्रेस के उच्च सदन यानी सीनेट में ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी के भी कुछ सीनेटरों का समर्थन मिले। सीनेट में डेमोक्रेटिक पार्टी के मुकाबले रिपब्लिकन का बहुमत है।
बता दें कि महाभियोग की प्रक्रिया के लिए जुलाई में राष्ट्रपति ट्रंप की यूक्रेन के राष्ट्रपति से फोन पर की गई बातचीत को आधार बनाया गया है। ट्रंप पर आरोप है कि उन्होंने अगले साल होने वाले राष्ट्रपति पद के चुनावों में अपने सामने मुख्य प्रतिद्वंद्वी बनते दिखई दे रहे पूर्व उपराष्ट्रपति व डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता जो बिडेन के खिलाफ भ्रष्टाचार की जांच खोलने का दबाव यूक्रेनी राष्ट्रपति पर बनाया था। फिलहाल महाभियोग चलाने या नहीं चलाने के लिए प्रतिनिधि सभा की न्याय समिति सुनवाई कर रही है।
व्हाइठ हाउस ने दी तीखी प्रतिक्रिया, ट्रंप ने कहा, हम जीतेंगे
ट्रंप और व्हाइट हाउस ने इस ताजा घोषणा पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया देते हुए डेमोक्रेट्स की आलोचना की है। ट्रंप ने पेलोसी की घोषणा के बाद ट्वीट में कहा, इसका मतलब है कि एक निरर्थक और शायद ही कभी इस्तेमाल किए गए महाभियोग कानून का इस्तेमाल भविष्य के राष्ट्रपतियों पर आक्रमण करने के लिए नियमित रूप से इस्तेमाल होगा। उन्होंने आगे कहा, यह वो नहीं है, जो हमारे संस्थापकों के दिमाग में था। अच्छी बात यह है कि रिपब्लिकंस कभी इतने ज्यादा एकजुट नहीं थे। हम जीतेंगे।
महाभियोग के समर्थन में आईं भारतीय-अमेरिकी सांसद प्रमिला जयपाल
भारतीय-अमेरिकी सांसद प्रमिला जयपाल ने कहा है कि सत्ता का दुरुपयोग करने वाले राष्ट्रपति के खिलाफ खड़ा न होना एक गलत मिसाल पेश करेगा। उन्होंने कहा कि यह देश के भविष्य के लिए अच्छा नहीं होगा। जयपाल ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ महाभियोग चलाए जाने का मजबूती से समर्थन करते हुए यह बात कही।
जयपाल ने कहा, ‘यदि हम अब ऐसे राष्ट्रपति के खिलाफ नहीं खड़े होते जो सत्ता का दुरुपयोग करता है तो हम भावी राष्ट्रपतियों को ऐसा संदेश देने का जोखिम ले रहे हैं कि वे अमेरिका के लोगों, हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा और हमारे चुनावों की बजाए अपने निजी राजनीतिक हित को ऊपर रख सकते हैं और यह हमारे लोकतंत्र के लिए गंभीर खतरा है।’
सदन की न्यायिक समिति द्वारा ट्रंप के खिलाफ महाभियोग की सुनवाई के पहले दिन, जयपाल ने राष्ट्रपति के खिलाफ यह कार्रवाई किए जाने का पुरजोर समर्थन किया। जयपाल ने कहा कि यह बेहद चिंताजनक स्थिति है जिसमें फिलहाल हम सब फंसे हुए हैं।
बता दें कि शक्तिशाली सदन न्यायिक समिति में जयपाल एकमात्र भारतीय-अमेरिकी सदस्य हैं। उन्होंने कहा कि यह देश के लिए खतरा है। उन्होंने कहा, ‘यदि हम निजी लाभ के लिए अपने पद का दुरुपयोग करने वाले राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग नहीं चलाते तो हम लोकतंत्र में नहीं रह रहे हैं, हम राजतंत्र में रह रहे हैं या तानाशाही झेल रहे हैं।’