अमेरिका में कोरोना वायरस से 40 भारतीयों की मौत, 1500 से ज्यादा संक्रमित
वाशिंगटन: अमेरिका में घातक कोरोना वायरस का सबसे ज्यादा असर देखने को मिल रहा है। अमेरिका दुनिया का पहला ऐसा देश बन गया है जहां कोरोना वायरस से एक ही दिन में 2 हजा से ज्यादा मौतें हुई हैं। इन सब के बीच कोरोना वायरस से संक्रमित 40 से ज्यादा भारतीय-अमेरिकी नागरिकों की मौत हो गई है, जबकि 1500 से ज्यादा नागरिक संक्रमित हैं।
जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के ताजा आंकड़ों के अनुसार अमेरिका एक दिन में दो हजार से ज्यादा लोगों की मौत दर्ज करने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है, जबकि पिछले 24 घंटों में यहां कुल 2,108 लोगों की मौत हुई है, जबकि अमेरिका में संक्रमित लोगों की संख्या 5 लाख को पार कर गई है। वहीं, न्यूयॉर्क में कोरोना वायरस का प्रकोप सबसे ज्यादा देखने को मिल रहा है। यहा 5,800 से ज्यादा लोगों की मौत महामारी की वजह से हो चुकी है।
बता दें कि कोरोना वायरस की वजह से जान गवांने वाले भारतीय नागरिकों में 17 केरल के हैं, 10 गुजरात के हैं, चार पंजाब के हैं, दो आंध्र प्रदेश के हैं और एक उड़ीसा का है। उनमें से ज्यादातर 60 वर्ष से अधिक आयु के हैं, जबकि एक शख्स 21 वर्ष का था।
विभिन्न समुदाय के नेताओं द्वारा जारी मौतों की सूची के अनुसार न्यूजर्सी राज्य में एक दर्जन से अधिक भारतीय-अमेरिकियों की मौत हुई है। इसी तरह न्यूयॉर्क में 15 भारतीय-अमेरिकियों की मौत हुई है। चार भारतीय-अमेरिकियों की मौत की रिपोर्ट्स पेंसिल्वेनिया और फ्लोरिडा से भी आई है। टेक्सास और कैलिफोर्निया दोनों जगहों में एक-एक भारतीय-अमेरिकी नागरिकों की मौत की पुष्टि की गई है।
सामुदायिक नेताओं के अनुमान के मुताबिक न्यूजर्सी में 400 से अधिक और न्यूयॉर्क में 1,000 से अधिक भारतीय-अमेरिकियों का कोरोना टेस्ट पॉजिटिव आया है। न्यूयॉर्क शहर में कई भारतीय-अमेरिकी टैक्सी ड्राइवरों की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है। जान गंवाने वालों में सुन्नोवा एनालिटिकल इंक के सीईओ हनमंथ राव मारेपल्ली भी शामिल हैं। उनका निधन न्यूजर्सी के एडिसन में हुआ। वह अपनी पत्नी और दो बेटियों के साथ रहते थे।
दुनियाभर में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या एक लाख को पार कर गई है। जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के कोरोना वायरस सेंटर द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार दुनिया भर में अबतक 16,96,139 कोरोना वायरस से संक्रमित हैं, जबकि 1,02,669 लोगों की मौत हो चुकी है। वैश्विक स्तर पर अबतक 3,76,200 लोग ठीक हो चुके हैं।