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अमेरिका से आ गए 4 अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टर, अब दुश्मनों की खैर नहीं

नई दिल्ली : भारतीय वायुसेना को 22 अपाचे लड़ाकू हेलीकाप्टरों में से पहले चार हेलीकाप्टर अमेरिकी एरोस्पेस कंपनी बोइंग ने शनिवार को सौंप दिये जबकि चार और हेलीकाप्टरों की अगली खेप की आपूर्ति अगले सप्ताह की जाएगी। एएच64ई अपाचे हेलीकाप्टरों की पहली खेप की आपूर्ति हिंडन एअरबेस पर की गई। हेलीकाप्टरों की यह आपूर्ति इन हेलीकाप्टरों के लिए करोड़ों डालर का सौदे होने के लगभग चार वर्षों बाद की गई है। बोइंग ने कहा कि अपाचे हेलीकाप्टरों की पहली खेप भारत पहुंच गई है और अतिरिक्त चार हेलीकाप्टरों की आपूर्ति भारतीय वायुसेना को अगले सप्ताह की जाएगी।
कंपनी ने कहा, ”उसके बाद आठ हेलीकाप्टर पठानकोट वायुसेना स्टेशन जाएंगे जिससे कि उन्हें सितम्बर में वायुसेना में औपचारिक रूप से शामिल किया जा सके। एएच..64ई अपाचे विश्व के सबसे उन्नत बहुद्देश्यीय लड़ाकू हेलीकाप्टरों में से एक हैं जिसे अमेरिकी सेना उड़ाती है। भारतीय वायुसेना ने सितम्बर 2015 में अमेरिकी सरकार और बोइंग लिमिटेड के साथ 22 अपाचे हेलीकाप्टरों के लिए करोड़ों डालर के एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किये थे। इसके अतिरिक्त रक्षा मंत्रालय ने बोइंग से 2017 में 4168 करोड़ रुपये कीमत पर सेना के लिए हथियारों के साथ छह अपाचे हेलीकाप्टरों की खरीद को मंजूरी दी थी। यह सेना का लड़ाकू हेलीकाप्टरों का पहला बेड़ा होगा। भारतीय वायुसेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि अपाचे बेड़े के जुड़ने से बल की लड़ाकू क्षमतओं में काफी वृद्धि होगी क्योंकि हेलीकाप्टर में वायुसेना की भविष्य की जरुरतों को ध्यान में रखते हुए बदलाव किये गए हैं। बोइंग ने एक बयान में कहा, ”अपाचे हेलीकाप्टरों का निर्धारित समय से पहले पहुंचना भारत के रक्षा बलों को आधुनिक बनाने को लेकर बोइंग की प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है। बोइंग ने भारतीय वायुसेना के साथ अपनी वर्तमान साझेदारी से मिशन तत्परता की उच्च दर और परिचालन क्षमताओं में वृद्धि सुनिश्चित की है। कंपनी ने पूरी दुनिया में अपने उपभोक्ताओं को 2200 से अधिक अपाचे हेलीकाप्टरों की आपूर्ति की है और भारत 14वां देश है जिसने उसे अपनी सेना के लिए चुना है।

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