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भारत अमेरिकी दबाव के बावजूद रूस के साथ एस-400 मिसाइल की डील से पीछे नहीं हटेगा भारत

भारत अमेरिकी दबाव के बावजूद रूस के साथ 39,000 करोड़ रुपए की होने वाली एडवांस एस-400 ट्रायम्फ एयर डिफेंस मिसाइल की डील को आगे बढ़ाएगा। रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान यह बात कही। उन्होंने कहा कि भारत अब एस-400 सिस्टम की खरीद को लेकर निर्णायक चरण में पहुंच गया है। अमेरिका द्वारा काउंटरिंग अमेरिका एडवर्सरी थ्रू सेंक्शन्स ऐक्ट  प्रतिबंध (सीएएटीएसए) लगाए जाने से पहले ही डील पर बात आगे बढ़ गई थी। यह प्रतिबंध दूसरे देशों को रूस से हथियार खरीदने से रोकता है।भारत अमेरिकी दबाव के बावजूद रूस के साथ एस-400 मिसाइल की डील से पीछे नहीं हटेगा भारत

रक्षा मंत्री सीतारमण ने कहा, ‘मैं इसे अमेरिका और रूस में से किसी एक को चुनने के तौर पर नहीं देखती हूं। हमने अमेरिका को बता दिया है कि अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल जिसने हाल ही में भारत की यात्रा की थी। हमने उन्हें बताया था कि हम रूस के साथ नियमित संबंध में हैं। जिसमें रक्षा सौदे भी शामिल हैं, जिसपर हमारी सालों से बातचीत हो रही है।’

अक्टूबर 2015 में यह बात सामने आई थी कि भारत रूस से एस-400 मिसाइल सिस्टम की डील करने वाला है। इस सिस्टम में लड़ाकू विमान, खुफिया प्लेन, मिसाइल और ड्रोन को तबाह करने की क्षमता है। इसके जरिए 400 किमी दूर और 30 किमी तक की ऊंचाई तक दुश्मन की मिसाइल को भी तबाह किया जा सकता है। सीएएटीएसए प्रतिबंध को लेकर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण अपने अमेरिकी समकक्षों के साथ बातचीत करेंगे।

पहले यह मुलाकात 6 जुलाई को होने वाली थी लेकिन इसे अमेरिका ने किन्ही कारणों की वजह से टाल दिया था। अब यह बैठक सितंबर में होगी। वहीं अमेरिका के रक्षा और विदेश मंत्री ने भारत जैसे देशों के लिए सीएएटीएसए में छूट की मांग की है। भारत और अमेरिका संचार, अनुकूलता और सुरक्षा व्यवस्था जैसे मिलिटरी पैक्ट पर भी द्विपक्षीय वार्ता करेंगे।

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