अमेरिकी प्रतिबंध पर बिपिन रावत बोले- डर से नहीं, अपनी स्वतंत्र नीति पर चलेगा भारत
सेना प्रमुख ने कहा, मैंने रूसी अधिकारियों से यह भी कहा कि जिस समय आप मुझसे प्रतिबंधों को लेकर सवाल कर रहे हैं, उसी दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आपके राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम के खरीद समझौते पर हस्ताक्षर कर रहे हैं। यह समझौता इस बात को जानने के बावजूद हो रहा है कि हमें भविष्य में अमेरिका से चुनौती का सामना करना पड़ सकता है। इस विचार का कोई अंत ही नहीं है कि हम रूस के साथ किस-किस तरह से सहयोग कर सकते हैं। हम देश के लिए सबसे बेहतर दिशा में आगे बढ़ेंगे। सामरिक रूप से वही हमारे लिए महत्वपूर्ण है। जनरल रावत शनिवार रात को ही अपने छह दिवसीय रूसी दौरे से वापस लौटे हैं। उन्होंने जनरल केवी कृष्णा राव स्मृति व्याख्यान के दौरान बताया कि रूसी अधिकारी भारतीय सेना और अन्य रक्षा बलों के साथ जुड़ाव बनाए रखने के लिए बेहद उत्सुक दिखे। वे जानते हैं कि हमारी सेना मजबूत है और अपने हित के लिए खड़ा होने की क्षमता रखती है।
अमेरिकी प्रतिबंधों का खतरा क्यों
अमेरिका ने रूस के साथ रक्षा सौदा करने पर काउंटरिंग अमेरिका एडवरसरीज थ्रू सेन्क्शंस एक्ट (सीएएटीएसए) के तहत भारत पर प्रतिबंध लगाने की चेतावनी दी है। रूस, ईरान और उत्तर कोरिया को घेरने के लक्ष्य के साथ बनाए गए इस एक्ट पर भारत ने भी हस्ताक्षर किए हैं। इसी वजह से इस एक्ट के तहत भारत भी कार्रवाई के दायरे में आता है।