अमेरिकी सरकार shutdown, भारतीय निर्यात को झटका
अमेरिका एक बार फिर बड़े आर्थिक संकट में है। पांच साल में दूसरी बार शटडाउन की घोषणा से दुनिया चिंतित है। अमेरिका में सरकारी कामकाज के ठप होने से भारत को भी बड़ा झटका लगा है, क्योंकि इसका सीधा असर दोनों देशों के कारोबार पर भी पड़ेगा। भारतीय इंजिनियरिंग एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (ईईपीसी) ने शनिवार को कहा कि अमेरिका की संघीय सरकार के ठप हो जाने से देश का निर्यात प्रभावित होगा, क्योंकि अमेरिका सबसे ज्यादा निर्यात किए जानेवाले देशों में से एक है।
दरअसल, अमेरिका में ऐंटी डेफिशिएंसी ऐक्ट लागू है, जिसके तहत फंड की कमी होने पर संघीय एजेंसियों को अपना कामकाज रोकना पड़ता है। दूसरी तरफ, सरकार इस फंड की कमी पूरी करने के लिए एक अल्पकालिक व्यय समझौता विधेयक लाती है, जिसे अमेरिकी प्रतिनिधि सभा और सीनेट में पारित कराना पड़ता है। यह विधेयक प्रतिनिधि सभा ने तो पारित कर दिया, लेकिन सीनेट ने नामंजूर कर दिया।
ईईपीसी इंडिया के अध्यक्ष रवि पी. सहगल ने कहा, ‘अमेरिकी संघीय सरकार की बंदी की खबर निश्चित रूप से भारतीय निर्यातकों के लिए बुरी खबर है। क्योंकि देश से सर्वाधिक निर्यात की जानेवाली अर्थव्यवस्थाओं में अमेरिका प्रमुख है।’ उन्होंने कहा कि इंजिनियरिंग क्षेत्र के लिए अमेरिका नंबर वन निर्यात गंतव्य है और मौजूदा वित्त वर्ष में इसमें मजबूत बढ़ोतरी देखी जा रही है।
अमेरिकी उड़ानों पर फिलहाल असर नहीं
अमेरिकी सरकार के शटडाउन के पूरी दुनिया पर पड़ रहे दुष्प्रभावों के बीच, भारत से अमेरिका जाने वाली किसी भी उड़ान को रद्द नहीं किया गया है। सूत्रों से यह जानकारी मिली है। हालांकि यात्रियों पर अभी इसका प्रभाव नहीं पड़ा है, लेकिन उद्योग से जुड़े लोगों ने कहा है कि अगर सरकार की यह शटडाउन लंबे समय तक चला तो निकट भविष्य में इसका प्रभाव पड़ने लगेगा।
यात्रा डॉट कॉम के मुख्य परिचालन अधिकारी (बी2सी) शरत धल ने कहा, ‘अमेरिकी सरकार की ‘कामबंदी’ भविष्य में अमेरिका की यात्रा करनेवालों की योजना बना रहे यात्रियों को प्रभावित कर सकता है। हालांकि एयर ट्रैफिक कंट्रोलर पर इसका काफी कम प्रभाव होगा, लेकिन वीजा प्रोसेसिंग में निश्चित रूप से देरी होगी। साथ ही भारत या अन्य देशों का दौरा करने वाले अमेरिकी नागरिकों की पासपोर्ट प्रोसेसिंग में भी देरी हो सकती है।’