अन्तर्राष्ट्रीय

अमेरिकी सेना में भी सिखों को पगड़ी पहनने की इजाजत

अमेरिकी सेना ने स्थायी रूप से सिखों को अपने धार्मिक मान्यताओं अनुरूप पगड़ी पहनने व केश रखने की इजाजत देने का फैसला किया है।

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अमेरिकी सरकार ने सभी धार्मिक अल्पसंख्यकों को सेना में स्वतंत्र तरीके से अपनी सेवाएं दे सकने का अधिकार देते हुए नए नियम जारी किए हैं। इसके तहत सैनिक पगड़ी, दाढ़ी और हिजाब के साथ अपनी सेवाएं दे सकते हैं। बता दें कि हाल में न्यूयॉर्क पुलिस ने भी सिखों को पगड़ी पहनने की इजाजत देते हुए वर्दी नियमों में बदलाव किए थे।

सैन्य सचिव एरिक फैनिंग की ओर से जारी किए गए नए नियम ब्रिगेड स्तर पर धार्मिक पहचानों को समाहित करने की मंजूरी देते हैं। इससे पहले यह मंजूरी सचिव स्तर तक के लिए थी। इस मंजूरी से यह सुनिश्चित होगा कि धार्मिक पहचान का समावेश स्थायी हो और अमेरिकी सेना में अधिकतर पदों पर लागू हो।

नए नियमन मूल रूप से उन सिख सैनिकों की याचिका एवं पैरोकारी पर आए हैं, जो धार्मिक कारणों के चलते दाढ़ी रखते हैं और पगड़ी बांधते हैं तथा सक्रिय सेवा के दौरान भी इन्हें रखना चाहते हैं।

नए नियमों के मुताबिक दुर्लभ परिस्थितियों के अलावा, सिख धर्म के अनुयायियों को देश की सेवा के दौरान उनकी धार्मिक पगड़ियों, बढ़ाए हुए केशों या दाढ़ी को त्यागने के लिए विवश नहीं किया जाएगा।

कांग्रेस सदस्य जो क्राउले ने अमेरिकी सैन्य सचिव की ओर से जारी निर्देश का स्वागत करते हुए कहा, यह न सिर्फ सिख अमेरिकी समुदाय के लिए, बल्कि हमारे देश की सेना के लिए एक बड़ी प्रगति है। सिख-अमेरिकी इस देश से प्यार करते हैं और हमारे देश में सेवा का उचित अवसर चाहते हैं। आज की घोषणा ऐसा करने में मददगार साबित होगी। क्राउले ने कहा, हम एक मजबूत सेना से लैस मजबूत देश हैं, क्योंकि हम धार्मिक एवं निजी स्वतंत्रता का सम्मान करते हैं। सिख-अमेरिकियों और अमेरिकी सांसदों ने भी इस कदम का स्वागत किया है। इनमें से कई विगत कई साल से इस संदर्भ में अभियान चला रहे थे।

पुराने नियम
अमेरिकी सेना में पगड़ी,केश रखने जैसे धार्मिक पहचान रखने की सीमित अनुमति थी। ये अनुमति भी स्थायी नहीं थे। हर मामले की अलग-अलग समीक्षा की जाती थी और उसके आधार पर अनुमति दी जाती थी या इनकार कर दिया था। मामला लंबित रहने तक सैनिक को अपने धर्म संबंधित पहचानें हटानी पड़ती थी।

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