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अयोध्या के विवादित ढांचे को माया ने बताया ‘बाबरी मस्जिद’, कहा- कम्यूनल ताकतों ने इसे गिराया

BABRI-MASJID-1428662957यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री और बीएसपी चीफ मायावती ने यूपी में 2017 होने वाले चुनाव के लिए कमर कस ली है। अंबेडकर जयंती पर मायावती ने ‘मुस्लिम कार्ड’ खेलते हुए अयोध्या के विवादित ढांचे को बाबरी मस्जिद बताया। बता दें कि आज (रविवार को) बाबरी ढांचा विध्वंस की 23वीं बरसी है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बीएसपी सुप्रीमो ने कहा कि विवादित ढांचे को सांप्रदायिक ताकतों ने ही गिराया था। मायावती का यह बयान आरएसएस चीफ मोहन भागवत के उस बयान के बाद आया, जिसमें उन्होंने कहा था कि ‘यह महान लक्ष्य हमारे जीवन में ही साकार हो सकता है। हो सकता है कि इसे हम अपनी आंखों से देखें।’ उन्होंने कहा था, ‘कोई नहीं कह सकता कि कब और कैसे मंदिर बनेगा, लेकिन हमें तैयार रहने की जरूरत है।’

2017 में होने हैं विधानसभा चुनाव

गौरतलब है कि यूपी में 2017 में विधानसभा चुनाव होने हैं, इस चुनाव को लेकर सत्ताधारी दल समाजवादी पार्टी, बीएसपी, बीजेपी और कांग्रेस की प्रतिष्ठा दांव पर है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मायावती ने मुस्लिमों को अपने पाले में लाने के लिए अभी से तैयारी शुरू कर दी है।

अयोध्या मामले में उच्चतम न्यायालय का फैसला मान्य

बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के संयोजक जफरयाब जिलानी ने कहा कि मस्जिद और मंदिर विवाद में उच्चतम न्यायालय का जो फैसला होगा वही मान्य होगा। चाहे वह किसी के भी पक्ष में हो। जफरयाब जिलानी ने विवादित ढांचा गिराए जाने की 23वीं बरसी पर कहा कि मंदिर-मस्जिद विवाद का फैसला उच्चतम न्यायालय जो देगा उसे देश का मुस्लिम समाज मानने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि सारे सबूत और गवाह बाबरी मस्जिद के पक्ष में हैं इसलिए मुस्लिम समाज के हित में फैसला आना चाहिए।

उन्होंने जोर देकर कहा कि आज के मुस्लिम नवयुवकों को यह बताया जाए कि बाबरी मस्जिद कहां थी और कैसे गिराई गई। जिलानी ने कहा कि मुस्लिम समाज के लोग मस्जिदों में जाकर यह दुआ करें कि बाबरी मस्जिद का पुन: निर्माण उसी स्थान पर हो जहां पहले बनी थी। उन्होंने कहा कि सन् 1949 तक मुसलमानों ने उस स्थान पर नमाज पढ़ी।

मस्जिद निर्माण के लिए जिलाघिकारी को सौंपा ज्ञापन

इण्डियन यूनियन मुस्लिम लीग ने बाबरी मस्जिद विध्वंस पर गांधी पार्क में धरना-प्रदर्शन किया और वादा निभाओ-मस्जिद बनाओ की मांग को लेकर एक ज्ञापन जिलाधिकारी के माध्यम से प्रधानमंत्री को सौंपा। इण्डियन यूनियन मुस्लिम लीग के प्रदेश अध्यक्ष नजमुल हसन गनी ने कहा कि छह दिसम्बर 1992 को कुछ लोगों ने बाबरी मस्जिद को विध्वंस कर दिया था। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री पी.वी. नरसिंहाराव ने मस्जिद को उसी स्थान पर फिर से बनाने का वादा किया था जो अभी तक नहीं हो पाया।

 

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