अयोध्या में राम मंदिर के लिए 28 साल बाद फिर निकलेगी राम रथयात्रा
28 साल पहले लालकृष्ण आडवाणी ने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए राम रथयात्रा निकाली थी। अब महाराष्ट्र की संस्था श्री रामदास मिशन यूनिवर्सल सोसायटी और विश्व हिंदू परिषद ने एक बार फिर से रामराज्य रथयात्रा निकालने का फैसला लिया है। यह रथयात्रा अयोध्या से तमिलनाडु के रामेश्वरम तक निकाली जाएगी।
इस राम रथ यात्रा का अजेंडा भी 28 साल पहले निकाली गई रथयात्रा की तरह अयोध्या में विवादित भूमि पर राम मंदिर बनाए जाने की मांग को लेकर है। कारसेवकपुरम हाउसिंग की तरफ से प्रस्तावित राम मंदिर को लेकर कार्यशाला महाशिवरात्रि के दिन 13 फरवरी को प्रस्तावित है। इसी दिन इस यात्रा की शुरुआत हो सकती है। सूत्रों की मानें तो इस यात्रा को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हरी झंडी देंगे।
6 राज्यों से गुजरेगी रथयात्रा
यात्रा का समापन राम नवमी (25 मार्च) को होगा। इस दौरान केंद्र सरकार से प्राथमिकता के तौर पर 14 महीने के अंदर राम मंदिर बनाए जाने की मांग की जाएगी। यात्रा 6 राज्यों उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु से होकर गुजरेगी।
प्रस्तावित राम मंदिर की आकृति पर बना है रथ
’14 महीने में बने राम मंदिर’
श्री रामदास मिशन यूनिवर्सल सोसायटी के राष्ट्रीय महासचिव श्री शक्ति शांतानंद महार्षि ने कहा कि वह लोग चाहते हैं कि देश में रामराज्य हो। भगवान राम 14 साल बाद अयोध्या वापस आए थे उसी तरह सरकार को 2019 तक 14 महीने के अंदर अयोध्या में राम मंदिर बनवा देना चाहिए। उन्होंने कहा कि उन लोगों ने कुछ महीने पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी। सीएम ने उन लोगों का आश्वासन दिया है कि वह रथयात्रा को को हरी झंडी दिखाएंगे।
अयोध्या में उद्घाटन समारोह दोपहर में 1 बजे से शाम को 4 बजे तक होगा। इस दौरान संतों की बैठक भी होगी। शाम को 4 बजे से 6 बजे तक रथ की शोभा यात्रा केशवपुरम से निकाली जाएगी। संगठन के उत्तर प्रदेश यूनिट के महासचिव भीम सिंह ने बताया कि शुक्रवार की शाम को यात्रा नंदीग्राम में समाप्त होगी। वहां रुकने के बाद अगले दिन सुबह यात्रा वाराणसी के लिए निकलेगी। वाराणसी से प्रयाग, चित्रकूट, उज्जैन, नासिक, बदलापुर, बेंगलुरु होते हुए रथ यात्रा रामेश्वरम पर खत्म होगी। संगठन के तिरुवनंतपुरम स्थित मुख्यालय में रथ को सुरक्षित रखा जाएगा। यहां से 2019 में रथ वापस अयोध्या भेजा जाएगा।
विश्व हिंदू परिषद अवध जोन के समन्वयक शरद शर्मा ने बताया कि वीएचपी रथ यात्रा को सपॉर्ट कर रही है लेकिन उसका हिस्सा नहीं है। यहां तक कि विश्व हिंदू परिषद का बैनर भी रथ यात्रा के साथ नहीं होगा।