अयोध्या में हनुमानगढ़ी ट्रस्ट बनवाएगा मस्जिद, होगी नमाज
अयोध्या। अयोध्या से बड़ी खबर आ रही है। लगता है कि दशकों पुराने विवाद का शांतिपूर्ण हल निकल जाएगा। हनुमानगढ़ी ट्रस्ट ने जर्जर मस्जिद की भूमि पर नई मस्जिद बनाने और वहां नमाज अदा करने की अनुमति दे दी है। टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, मस्जिद वाले हिस्से पर अभी हनुमानगढ़ी का अधिकार है। बीते दिनों अयोध्या नगर पालिका ने आलमगिरी मस्जिद को जर्जर बताते हुए नोटिस चस्पा कर दिया था कि वहां जाना खतरे से खाली नहीं है। इसके बाद मुस्लिम समाज के लोग हनुमानगढ़ी ट्रस्ट से मिले थे। खबर के अनुसार, अब हनुमानगढ़ी ट्रस्ट ने फैसला किया है कि मस्जिद वाले स्थान पर न केवल दोबारा मस्जिद बनाने की अनुमति दी जाएगी, बल्कि उसका खर्च भी ट्रस्ट ही वहन करेगा और वहां नमाज पढ़ने की अनुमति भी दी जाएगी। आलमगिरी मस्जिद का निर्माण मुगल शासक औरंगजेब के जमाने में उनकी सेना के एक जनरल ने 17वीं शताब्दी में किया था। जर्जर हो चुकी यह मस्जिद हनुमानगढ़ी के अधिकार वाली जमीन पर है।
यूं खुला रास्ता
1765 में आलमगिरी मस्जिद की जमीन तत्कालीन शासक शुजाउद्दीन ने हनुमानगढ़ी मंदिर को दे दी थी। तब यह शर्त भी रखी गई थी पर दी थी कि यहां नमाज अदा करने से किसी को भी रोका नहीं जाएगा।
अब मरम्मत और रख-रखाव के अभाव में मस्जिद जर्जर हो गई और नमाज की परंपरा भी खत्म हो गई। अयोध्या नगर पालिका के नोटिस चस्पा किए जाने के बाद मुस्लिम समुदाय के प्रतिनिधि हनुमानगढ़ी मंदिर ट्रस्ट से मिले। उन्होंने ट्रस्ट के प्रमुख महंत ज्ञान दास से मस्जिद की मरम्मत की गुजारिश की।
महंत ज्ञान दास ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि उन्होंने मरम्मत और इसका पूरा खर्चा उठाने का वादा किया है। उन्होंने मंदिर ट्रस्ट की ओर से प्रशासन को भी अनापत्ति प्रमाण-पत्र दे दिया है।
बकौल महंत ज्ञान दास, यह भी खुदा का घर है और यहां मुस्लिम भाइयों को नमाज अदा करने की सुविधा मिलनी ही चाहिए। मालूम हो, महंत ज्ञान दास लंबे समय से अयोध्या में रमजान के दौरान इफ्तार पार्टी भी रखते आ रहे हैं।