अरबपति पिता की गोल्ड मेडलिस्ट एमबीबीएस डॉक्टर बेटी हिना ने ली जैन भिक्षु की दीक्षा
नई दिल्ली : अरबपति पिता की एमबीबीएस डॉक्टर बेटी ने जैन भिक्षु की दीक्षा ग्रहण की। हिना कुमारी नाम की इस बेटी ने सांसारिक सुखों को त्याग कर जैन भिक्षु बनने का फैसला किया। हिना ने सूरत में पूरे विधि विधान और जैन परम्परा के अनुसार दीक्षा ग्रहण की। हिना कुमारी की अब नई पहचान साध्वी श्री विशारदमाला हो गई है। 28 साल की हिना ने अध्यात्मिक गुरु आचार्य विजय यशोवर्मा सुरेश्वरजी महाराज से दीक्षा ली। हिना ने दीक्षा से पहले जरूरी 48 दिनों का ध्यान पूरा किया। वहीं दूसरी ओर हिना ट्वीटर पर भी ट्रोल हो रही हैं, कई यूजर इस बारे में टिप्पणी कर रहे हैं, जिसमें से एक यूजर ने कहा कि डाॅक्टर रहकर भी लोगों की सेवा कर सकती थीं, एक यूजर ने कहा कि गरीबों का फ्री में सेवा करती तो कितना बढ़ियां होता बहन।
आचार्य विजय के मुताबिक, हिना ने अपने पिछले जन्म में किए गए ध्यान और श्रद्धा की वजह से जैन धर्म की दीक्षा लेना स्वीकार किया है। बुधवार सुबह से शुरु हुआ दीक्षा समारोह का कार्यक्रम पूरे विधि विधान के साथ दोपहर में सम्पन्न हुआ। इस दौरान हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए। हिना के परिजनों का कहना है कि वह छात्र जीवन से ही आध्यात्मिकता की तरफ आकर्षित हो गई थीं। जब हिना ने यही बात अपने घर वालों को बताई की उसे सांसकारिक सुख छोड़कर आध्यात्म के रास्ते पर जाना है तो उनके परिवार वाले इस बात को लेकर राजी नहीं हुए। अहमदनगर यूनिवर्सिटी से गोल्ड मेडलिस्ट हिना पिछले एक दशक से अपने परिवार के सदस्यों को दीक्षा लेने के लिए मना रही थीं। लेकिन उनके परिजन ऐसा नहीं चाहते थे, हिना का मानना है कि सांसारिक जीवन छोड़कर जैन भिक्षु बनना सबके बस की बात नहीं है।