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अरुण जेटलीने कहा- सावधानी को देखते हुए बीजेपी ने पद्मावती पर लगाया बैन

संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावती सियासत के पचड़े में फंसने की वजह से रिलीज नहीं हो पा रही है. इस विवाद में लगातार पीएम मोदी से चुप्पी तोड़ने की मांग की जा रही है. वहीं अब केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पद्मावती विवाद पर अपनी प्रतिक्रिया दी है.

अरुण जेटलीने कहा- सावधानी को देखते हुए बीजेपी ने पद्मावती पर लगाया बैनउन्होंने कहा, बीजेपी के मुख्यमंत्रियों ने सावधानी बरतने के लिए अपने राज्यों में पद्मावती फिल्म पर बैन लगाया है. इस विवाद को सेंसर बोर्ड के द्वारा सुलझाए जाने की जरूरत है. जेटली ने विरोध की आड़ में हो रही हिंसा पर कहा, लोगों को अगर फिल्म के खिलाफ आपत्ति दर्ज करनी है तो वे यह काम शांति से कर सकते हैं. किसी को भी हिंसा का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.

भंसाली की फिल्म के खिलाफ जहां देशभर में विरोध-प्रदर्शन हो रहा है. वहीं इंडियन फिल्म्स एंड टीवी डायरेक्टर्स एसोसिएशन (आईएफटीडीए) सहित फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े 19 अन्य संगठनों ने रविवार को 15 मिनट के लिए देशभर में अपना काम रोक दिया. इन्होंने फिल्म सिटी के बाहर प्रदर्शन कर ब्लैक आउट किया. इन संगठनों ने सृजनात्मक क्षेत्र में अभिव्यक्ति की आजादी के अधिकार की रक्षा के लिए शूटिंग रोकने का तय किया है.

इंडियन मोशन पिक्चर प्रोड्यूशर्स एसोसिएशन, वेस्टर्न इंडिया सिनेमेटोग्राफर्स एसोसिएशन, स्क्रीन राइटर्स एसोसिएशन, द फिल्म एंड टेलीविजन प्रोड्यूसर्स गिल्ड ऑफ इंडिया लिमिटेड, एसोसिएशन ऑफ वॉइस आर्टिस्टस, सिने कॉस्ट्यूम एंड मेकअप आर्टिस्ट एंड हेयर ड्रेसर एसोसिएशन, सिने सिंगर एसोसिएशन, मूवी स्टंट आर्टिस्ट्स एसोसिएशन समेत अन्य संगठन ये प्रदर्शन किया. इस प्रदर्शन को ‘मैं आजाद हूं’ नाम दिया गया है.

पीएम मामले में हस्तक्षेप करें- शत्रुघ्न

वहीं दूसरी ओर बीजेपी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने मांग की कि इस पूरे मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हस्तक्षेप करें और अपनी चुप्पी तोड़े. अभिनेता अमिताभ बच्चन, शाहरुख खान और आमिर खान का बचाव करते हुए शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि पद्मावती फिल्म पर चल रहे हंगामे पर फिल्म कलाकारों से पहले मोदी और सूचना एवं प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी को अपनी चुप्पी तोड़नी चाहिए.

बता दें कि फिल्म पद्मावती का विवाद अब संसद भवन की दहलीज पर पहुंच गया. संसदीय समिति ने 30 नवंबर को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और सेंसर बोर्ड को तलब करते हुए पद्मावती फिल्म पर पूरी रिपोर्ट मांगी है. संसदीय याचिका समिति के अध्यक्ष भगत सिंह कोश्यारी ने इससे पहले 15 दिन के अंदर पद्मावती फिल्म को लेकर इतिहास से तोड़फोड़ के आरोपों की सत्यता की जांच कर रिपोर्ट मांगी थी.

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