अरुण जेटली के मोबाइल फोन की जासूसी के मामले में मुकदमा दर्ज हो
नयी दिल्ली : राज्यसभा की विशेषाधिकार समिति ने भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली के मोबाइल फोन के कॉल की निगरानी और जासूसी करने के मामले में दिल्ली पुलिस को एक अापराधिक मामला दर्ज करने का निर्देश दिया है। समिति ने मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के तत्कालीन सांसद सीताराम येचुरी को फोने पर जान से मारने की धमकी देने और अश्लील गालियां देने के मामले में दिल्ली पुलिस को गंभीरता से अपनी कार्रवाई जारी रखने और उसे इस मामले को सफलता से निपटाने का निर्देश दिया है। समिति ने तत्कालीन सपा सदस्य नरेश अग्रवाल के खिलाफ सुदर्शन टीवी चैनल द्वारा 2017 में 19 जुलाई को एक बहस में आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किये जाने पर उसके मुख्य संपादक को दोषी माना है, लेकिन मामले को आगे न बढ़ाने की सलाह दी है क्योंकि इससे सदन की गरिमा और गिरेगी। समिति ने साध्वी प्राची द्वारा एक-दो सांसदों को आतंकवादी बताये जाने के मामले में उनकी टिप्पणी को विशेषाधिकार का हनन नहीं माना है लेकिन उसकी कड़ी निंदा की है और कहा है कि उन्हें खुद अपनी गरिमा बनाये रखनी चाहिए। समिति ने यह कह कर मामले को ख़त्म कर दिया है। समिति ने श्री जेटली के मामले में छह मई 2015 को 61वीं रिपोर्ट दी थी लेकिन जब सदस्य उससे संतुष्ट नहीं हुए तो दोबारा इस मामले की जांच कराई गई और उसके बाद 66वीं रिपोर्ट दी जिसमें श्री जेटली के मोबाइल फोन की निगरानी और जासूसी को विशेषाधिकार माना और दिल्ली पुलिस को अापराधिक मामला दर्ज़ करते हुए उसकी जांच कर रिपोर्ट देने को भी कहा। श्री येचुरी द्वारा सदन में 26 फरवरी 2016 को यह मामला उठाये जाने पर कहा कि उन्हें जान से मारने की धमकी दी जा रही है। समिति ने अपनी 267 पृष्ठों की रिपोर्ट में इस मामले की जांच की। श्री येचुरी के मामले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया और उन्हें सुरक्षा प्रदान की गयी।