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अरोमा ऑयल्स: शॉर्टकट से पाइए शानदार सूरत और सेहत

essential-oils-568e0eff44f79_lकई तकलीफों के निदान की प्राकृतिक चिकित्सा कला है अरोमाथेरेपी। खुशबूओं से भरपूर एसेंशियल ऑइल्स की मसाज केमाध्यम से स्वस्थ रहने का तरीका है ये। इसे मूड अलर्टिंग मैथड ऑव हीलिंग भी कहा जाता है। अरोमाथेरेपी में एसेंशियल ऑइल्स का इस्तेमाल किया जाता है जो कि प्लांट्स, हब्र्स, पेड़ों, फूलों आदि का सत्व है। दवाओं के साइड इफेक्ट्स जैसा कोई खतरा इसमें नहीं होता। इस थेरेपी में खुशबूदार तेलों से हीलिंग की जाती है। तकलीफों को दूर करने के साथ-साथ ये तनाव को भी कम कर मूड को बेहतर बनाने में मददगार है। ये खूबसूरती भी बढ़ाते हैं। जानिए इन ऑइल्स के बेजोड़ फायदे…

त्वचा में प्राकृतिक निखार

अगर आपके चेहरे का प्राकृतिक तेल कम हो रहा है, जिसकी वजह से आपकी त्वचा रूखी-रूखी सी लगती है तो भी अरोमा थेरेपी कारगर साबित हो सकती है। दरअसल इसमें इस्तेमाल होने वाले तेल हमारे शरीर में एंटी बैक्टीरियल क्षमता बढ़ा देते हैं, जिसकी वजह से त्वचा से संबंधित परेशानियां जल्दी खत्म हो जाती हैं। अरोमा थेरेपी में इस्तेमाल होने वाले प्राकृतिक तेल शरीर में एंटी बैक्टीरिया को क्रियान्वित करते हैं और इसकी वजह से त्वचा खिली-खिली नजर आती है। इससे चोट की वजह से त्वचा पर बने दाग, उम्र के साथ आती झुर्रियां भी कम होती हैं। अरोमा थेरेपी के बाद त्वचा में एक खास तरह की कोमलता आ जाती है।

टी ट्री एसेंसिअल ऑयल ऑयली स्किन और मुहांसों की समस्या को भी दूर करने में काफी असरदार होता है। ये सेल्स की मात्रा बढ़ाने के साथ-साथ उन्हें साफ भी करता है। ये दाग-धब्बों, मुहांसो और डार्क स्पॉट्स पर जादू की तरह काम करता है। रोजाना लोशन के साथ एक बूंद टी ट्री ऑयल का इस्तेमाल करें या इसे सीधा दाग-धब्बों वाली जगह पर लगाएं। लेमन एसेंसिअल ऑयल भी ऑयली स्किन और एक्ने जैसी परेशानी से छुटकारा दिलाने में कारगर होता है।

 रोज और जरैनियम एसेंसिअल ऑयल ड्राय या झुलसी हुई त्वचा पर काफी असरदार होते हैं। रोज जरैनियम या रोज ऑयल की दो बूंदें लें और इसे मॉइश्चराइजर की तरह इस्तेमाल करें या इससे चेहरे का मसाज करें और पाएं हेल्दी स्किन। एजिंग और फटी स्किन के लिए पचुरी एसेंसिअल ऑयल लाजवाब है। ये ऑयल सभी तरह की स्किन को सूट करता है।

लेवेंडर

कई औषधीय गुणों से भरपूर है लेवेंडर, जिसे व्याधियों के आधार पर कई तरह से इस्तेमाल किया जा सकता है। जिसमें छोटे-मोटे बर्न और सनबर्न, रेशेज, घाव, संक्रमण और कीड़े-मकोड़ों के काटने, सख्त मांशपेशियों और सिरदर्द आदि का उपचार किया जा सकता है।

जर्मन कीमोमाइल

गर्मियों में बेहद काम का है जर्मन कीमोमाइल एसेंशियल ऑइल, इसे जलन, खुजली, डर्मीटाइटिस, गांठें,  एक्ने, सोरायसिस, नैपीरैशेज, एक्जिमा और ड्राय स्किन जैसी प्रॉब्लम्स में इस्तेमाल पर फायदा पहुंचता है।

यूकेलिप्ट्स

ये बुर्जुगों के काम में आने वाली औषधी है। बड़ी उम्र के लोगों में गर्मियों में बुखार, सर्दी-जुकाम, मसल्स पेन और तनाव होने पर इसे काम में लिया जाना फायदेमंद होगा। इससे घाव भी जल्दी भरते हैं।

पिपरमिंट

अगर आप बेहद ज्यादा गर्मी महसूस कर रहे हैं तो पानी में एक बूंद पिपरमेंट ऑइल की डाल कर पैरों के तलवों में मालिश करें तो तुरंत शरीर का तापमान कंट्रोल में आ जाता है।  इसके अलावा सिरदर्द, पाचनतंत्र संबंधी समस्या, या नाकबंद होने पर पिपरमेंट एसेंशियल ऑइल बेहद उपयोगी है। ये दिमाग को शांत रखता हे और अच्छा महसूस कराता है।

जेरेनियम

एक रेग्युलर फुल बॉडी अरोमाथेरेपी मसाज में लेवेंडर, जेरेनियम और कीमोमाइल ऑइल्स को ब्लेंड करके इस्तेमाल किया जाता है, ये तनाव कम करके बॉडी और माइंड को शांत और स्थिरचित्त बनाने में फायदेमंद औषधीय एसेंशियल ऑइल है। मसाज करते समय लेमनग्रास और यूकेलिप्ट्स एसेंशियल ऑइल को डिफ्यूजर में डालकर हवा में खुशबू घोली जाती है जिससे मूड बेहतर बनाया जा सके।

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