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नई दिल्ली। रिजर्व बैंक के गवर्नर के रूप में अपने एक साल के कार्यकाल के दौरान रघुराम राजन न सिर्फ बढ़ती महंगाई तथा चालू खाता घाटा को कम करने, अर्थव्यवस्था में छायी सुस्ती दूर करने और रुपये में जारी गिरावट को नियंत्रित करने में सफल रहे हैं बल्कि उन्होंने आर्थिक विकास को पटरी पर लाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है। राजन ने पिछले वर्ष चार सितंबर को कार्यभार ऐसे समय में संभाला था जब महंगाई और चालू खाता घाटा काबू आता नहीं दिख रहा था। विकास दर भी लगातार पांच प्रतिशत से नीचे बनी हुई थी और निवेश बढ़ नहीं रहा था। अभी भी स्थिति में बहुत ज्यादा बदलाव नहीं आया है, लेकिन बदलाव के संकेत साफ दिखने लगे हैं। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में आर्थिक विकास दर ढाई साल बाद 5.7 प्रतिशत पर पहुंची है। हालांकि महंगाई के बढ़ने का खतरा अभी भी बना हुआ है। एजेंसी