अलर्ट: मीनोपॉज के बाद भी हो सकती हैं गर्भवती!
मीनोपॉज हर महिला को होता है। इस दौरान कई तरह की शारीरिक और मानसिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। लेकिन इसमें चिंता या घबराने जैसी कोई बात नहीं होती। यह एक शारीरिक प्रक्रिया है, जिसमें अंडाशय एस्ट्रोजन का उत्पादन बंद कर देता है। मीनोपॉज के बारे में ये जरूरी बात हर महिला को पता होनी चाहिए…
मीनोपॉज छूने वाली 50 से 60 फीसदी महिलाओं को जोड़ों में दर्द की शिकायत होती है। ऐसा एस्ट्रोजन की कमी की वजह से होता है। जिन महिलाओं को पहले से ही सिर में दर्द की शिकायत रहती है, मीनोपॉज के दौरान यह काफी बढ़ जाती है। यदि आपको जोड़ों में काफी दर्द हो तो डॉक्टर की सलाह से एस्ट्रोजन लें।
कमर के हिस्से में काफी चर्बी जमा हो जाती है
मीनोपॉज के दौरान कमर के हिस्से में काफी चर्बी जमा हो जाती है, महिलाएं इससे छुटकारा पाने के लिए वर्कआउट करती हैं, लेकिन ये सारे वर्कआउट पहले वाले ही होते हैं। असल में उन्हें यह समझना चाहिए कि मीनोपॉज के दौरान उनके हार्मोन में जबरदस्त बदलाव आता है, इसलिए उनका शरीर भी एक तरह से बदल जाता है। इसी वजह से उन्हें अपना फिटनेस रुटीन भी बदलना होगा। आपको ऐसी एक्सरसाइज भी चुननी होंगी, जिनसे हड्डियां मजबूत हों।
हो सकती हैं गर्भवती
मीनोपॉज होते ही यह मत समझिए कि आप गर्भवती नहीं हो सकतीं। असल में आपके गर्भवती होने की संभावना डॉक्टर्स के मुताबिक तभी खत्म होती है, जब लगातार 12 महीनों तक पीरियड्स न आएं। इससे पहले का वक्त पेरिमीनोपॉज कहलाता है।
हालांकि इस वक्त भी गर्भवती होने की संभावना न के बराबर होती है, लेकिन पूरी तरह खत्म नहीं होती। इसलिए अगर आप बच्चे नहीं चाहतीं तो इस दौरान पूरी सावधानी बरतें और पति से सुरक्षित शारीरिक संबंध ही बनाएं।
बाल हो जाते हैं पतले
मीनोपॉज के दौरान शरीर में अतिरिक्त एंड्रोजन बनने लगता है। एंड्रोजन पुरुषों का प्रमुख हार्मोन है। कुछ महिलाओं में यह पुरुष हार्मोन महिलाओं के हार्मोन में बदल जाता है, ऐसा एस्ट्रोजन की वजह से होता है। मीनोपॉज होने पर एस्ट्रोजन का स्तर गिरता है और शरीर में मौजूद एंड्रोजन हावी हो जाती है। नतीजा पुरुषों वाले लक्षण आने लगते हैं। इसलिए सिर के बाल पतले होने के अलावा ऊपरी होंठ पर बाल आ जाते हैं। ऐसी समस्या आने पर स्त्री रोग विशेषज्ञ से संपर्क करें, वह आपको एस्ट्रोजन की गोलियां दे सकती है।
नींद में खलल
मीनोपॉज होने पर आपको सोने जल्दी चले जाना चाहिए, क्योंकि इस दौरान नींद में बहुत खलल पड़ता है। मीनोपॉज की शुरुआती स्टेज में 32 से 40 फीसदी महिलाओं को ठीक से नींद नहीं आती, तो आखिरी स्टेज में 38 से 46 फीसदी को यह समस्या होती है। नींद में पड़े इस खलल की वजह से चिड़चिड़ापन, याददाश्त में कमी, चिंता और अवसाद जैसी समस्याएं पैदा हो जाती हैं। इसलिए नींद के घंटे बढ़ा दें, ताकि नींद उचटे तो भी आपको पूरी नींद मिल जाए।