अल्लाह के ये 5 नाम जो बदल देंगे आपकी किस्मत…
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अल्लाह के नाम
जिस तरह हिन्दू अपने धर्म के ईश्वर के लिए भगवान शब्द का उपयोग करते हैं, उसी तरह अल्लाह या खुदा शब्द मुस्लिमों द्वारा ईश्वर के लिए प्रयुक्त किया जाने वाला शब्द है। जहाँ हिन्दू साकार ईश्वर (मूर्ती पूजा) और निरपेक्ष ब्रम्ह की पूजा करते है, उसी तरह मुस्लिम भी निरपेक्ष ईश्वर की पूजा करते हैं।
मुस्लिमों में अल्लाह शब्द का संधिविच्छेद करें तो अल+ इलाहहोगा, इस प्रकार “अल्लाह” का अर्थ होता है “एकमात्र उपास्य ईश्वर” यानी “ परम ईश्वर”, जिसका कोई विशेष नाम रूप रंग नहीं है। इस्लाम इस दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा धर्म है, इसका मतलब है कि इस दुनिया का हर 5वां शख्स मुस्लिम है। धर्म की बात करें तो इस्लाम की 3 मूल आस्थाएं भी है जो इस्लाम के गुणों और इबादत के बारे में बताते हैं, जिन्हें मानना मानवजाति के लिए जरुरी है।
ये आस्थाए है-
- तौहिद- (जो एक ईश्वर में आस्था रखे)
- रिसालत- (इशदुत, नबी, मैसेंजर)
- आखिरत- (परलोकवाद, म्रत्यु के बाद का जीवन)
कुछ सूफी संतो या फकीरों के अनुसार अल्लाह, भगवान, खुदा, ईश्वर या उसे जिस भी किसी नाम से पुकारो, उसके लिए सब कुछ बराबर है। वह ना भेद करता है, और ना ही ऊँच-नीच देखता है। उस अर्जमंद अल्लाह की मर्जी से ये कायनात है, उसी ने अपनी मर्जी से ये संसार रुपी पिंजरा भी इजाद किया। हम तो उसके इस अर्श तले रहने वाले मामूली परिंदे है, जो उसकी रहमत के सहारे रहते हैं। लेकिन दुःख तकलीफ से भरी इस जिन्दगी में जरूरत है कि अल्लाह की रहमत उसके रकीबों पर बरसती रहे और सभी अपने-अपने धर्मं कर्म को करते रहे और इसके लिए ज़रूरी है कि अल्लाह के पवित्र नामों को हमेशा जपते रहे। धर्मं का मर्म तो उसे समझ कर मानने में है, इंसानियत के लिए कार्य करने में हैं । कुरान-ऐ-शरीफ़ में खुद खुदा भी इंसानियत के भले की बात करते हैं। ईश्वर को पाने के लिए उसके बन्दों से प्यार करने की बात कहते हैं।अल्लाह तआला के पाक नामों को पढ़ने से पहले ज़रुरत होती है कि इबादत करने के तौर-तरीकों के बारे में अच्छे से जान ले।