लखनऊ: अवैध निर्माण पर नकेल कसने में नाकामयाब लखनऊ विकास प्राधिकरण अब लोगों से ही मदद लेगा। इसके पीछे एलडीए का तर्क है कि वह अकेले कुछ नहीं कर सकता, इसके लिए लोगों के सहयोग की जरूरत है। एलडीए लोगों से अपील करेगा कि वे विभाग का सहयोग करें। साथ ही यदि कोई व्यक्ति संपत्ति खरीदता है तो उसकी पूरी जानकारी कर ले कि जमीन विकास प्राधिकरण से अप्रूव हैं या नहीं। इसके बाद ही जमीन या कोई संपत्ति खरीदें। एलडीए के वीसी सत्येंद्र सिंह ने बताया कि राजधानी को सुव्यवस्थित तरीके से विकसित करने के लिए सिर्फ एलडीए का प्रयास ही काफी नही हैं, बल्कि लोगों को भी इसके लिए प्रयास करना होगा। उन्होंने कहा कि शहर के आसपास बहुत से ऐसे भूमाफिया हैं जो अवैध तरीके से प्लॉटिंग करके बेंच रहे हैं। ऐसे में भूमाफिया तो जमीनेंं बेंचकर पैसे ऐंठ लेते हैं, लेकिन जो लोग जमीनें खरीदते हैं, उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
वीसी सत्येंद्र सिंह ने कहा कि धोखाधड़ी और अवैध कब्जों से बचने के लिए लोगों को इस बात की जानकारी खुद करनी होगी कि जिस जमीन को वो खरीद रहे हैं उसका लेआउट एलडीए से पास है या नहीं। यदि इस तरह की प्लाटिंग के भूखंड का लेआउट पास नहीं है तो उसे नहीं खरीदें। उन्होंने बताया कि वह विज्ञापन और पेंफ्लेट के जरिए लोगों को जागरुक करेंगे। इसके अलावा एलडीए के शिविर और ऑफिस में आने वाले लोगों से भी यह अपील की जाएगी। बताते चलें कि राजधानी लखनऊ में तेजी से विस्तार हो रहा है। ऐसे में यहां के जमीनों के दाम आसमान छूने लगे हैं। इसी का फायदा उठाकर बिल्डर अवैध निर्माण कराकर लोगों से ठगी कर रहे हैं। बिल्डर किसानों की जमीनों को कम कीमत में खरीदकर प्लॉटिंग करके लोगों को बेंच रहे हैं। इस प्लाटिंग का न तो लेआउट पास है और न ही इसके लिए विकास प्राधिकरण से किसी तरह का एप्रूवल लिया गया है।