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असहनशीलता पर आज भी संसद में बहस, पीएम नरेंद्र मोदी राज्‍यसभा में दे सकते हैं जवाब

modi-cabinet_650x400_61448960028नई दिल्‍ली: संसद में असहनशीलता के मुद्दे पर जारी बहस के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज राज्‍यसभा में संविधान पर चल रही बहस पर जवाब दे सकते हैं। पीएम जलवायु परिवर्तन सम्‍मेलन में हिस्‍सा लेने के बाद आज ही स्‍वदेश लौटे हैं। उम्‍मीद है कि पीएम संसद के उच्‍च सदन में सरकार और विपक्ष के बीच इस मुद्दे पर जारी बहस पर उत्‍तर दे सकते हैं।

बताया जा रहा है कि लोकसभा में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के भी आज इस मसले पर चर्चा में भाग ले सकते हैं।

असहनशीलता के मुद्दे पर विपक्ष के हमलों का सामना कर रही बीजेपी ने अपने सांसदों से बोलते समय सावधानी बरतने और विवादास्पद बयान से बचने की नसीहत दी है। बीजेपी संसदीय दल की बैठक के बाद केन्द्रीय मंत्री मुख़्तार अब्बास नक़वी ने बताया कि संसदीय कार्यमंत्री वेंकैया नायडू ने सांसदों को ये सलाह देते हुए कहा कि हमें एक-एक शब्द पर सचेत रहना होगा और खुद को विवादों से दूर रखना होगा। इससे विरोधियों को मदद मिलती है। नक़वी ने कहा कि असहनशीलता को लेकर चलाए जा रहे अभियान के पीछे कुछ लोगों का हाथ है और ये वही लोग हैं, जिन्होंने पहले नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने का विरोध किया था।

दरअसल, सरकार चाहती है कि संसद शांतिपूर्ण तरीके से चले और जीएसटी सहित कई महत्वपूर्ण बिल पास हों, इसलिए सरकार विपक्ष के सभी मुद्दों पर बहस के लिए भी तैयार हो गई है।

इससे पहले केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने राज्यसभा में सोमवार को स्वीकार किया कि समाज में थोड़ी बहुत असहिष्णुता है, जिसे उसी स्थान तक सीमित करने और उससे कड़ाई से निपटने की जरूरत है। मंत्री ने हालांकि कहा कि निपटने के बजाए इस मुद्दे को हवा दी जा रही है और भारत की किरकिरी कराई जा रही है।

वहीं, केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने भी सोमवार को लोकसभा में कहा कि सरकार उन सांसदों से सुझाव मांगेगी, जिनका मानना है कि देश में ‘असहिष्णुता बढ़ रही है।’ राजनाथ ने कहा, हालांकि सरकार का मानना है कि ऐसी कोई समस्या देश में नहीं है, फिर भी जिन सांसदों को लगता है कि देश में असहिष्णुता बढ़ रही है, उनसे सुझाव मांगे जाएंगे कि इसे कैसे रोका जा सकता है।

 

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