दरअसल, इस शुक्रवार शाहरुख खान की फिल्म ‘फैन’ रिलीज हुई है। उसके प्रचार के सिलसिले में वह कई इंटरव्यू दे रहे हैं। ऐसे में शनिवार को उन्होंने चर्चित टीवी शो ‘आपकी अदालत’ में असहिष्णुता मामले पर अपने जन्मदिन पर दिए गए बयान और उसके बाद उपजे विवाद पर खुलकर बात की।
शाहरुख खान ने कहा, “मैं एक बात साफ कर देना चाहता हूं। देश की आवाम जब किसी को चुनती है, वो चाहे नरेंद्र मोदी जैसा महान शख्स क्यों न हो? हम सब को उस नेता का समर्थन करना चाहिए। यह बहुत जरूरी है, क्योंकि देशवासियों ने उन्हें बहुमत देकर चुना है।”
शाहरुख ने आगे जोड़ा, “मैं राजनीति करने वाला कोई नेता नहीं हूं, देश के राजनैतिक माहौल पर टिका-टिप्पणी करना मेरा काम नहीं है। मैं एक मनोरंजन करने वाला आदमी हूं, मेरी क्या मजाल कि मैं कि कोई ऐसी टिप्पणी करूं, जो देशहित में न हो।”
यही नहीं, शाहरुख खान ने अपने जन्मदिन पर दिए गए अपने बयान के प्रस्तुतिकरण को लेकर भी सवाल उठाए और अपने पुराने बयान को दोहराकर उसका मतलब बताया। पढ़िए, अगली स्लाइड में ट्विटर टाउनहॉल का वो बयान, जिस पर मचा था बवाल।
लेकिन अब उनका कहना है कि उनके बयान को गलत ढंग से पेश किया गया था, तब उनके बयान का आशय महज ये था कि वह देश को नौजवानों को कुछ संदेश देना चाहते थे। उनके मुताबिक देश के नौजवानों को यह बात समझनी चाहिए कि वह किसी को उसके धर्म, जाति के आधार पर न बांटें और महज इसलिए उससे भेदभाव न करें कि वह किसी धर्म या किस जाति का है।
अपने बारे में बताते हुए कि उन्होंने कहा कि उनके अपने घर में तीन-तीन धर्म माने जाते हैं। वह एक मुस्लिम परिवार में पैदा हुए हैं, उनकी पत्नी हिन्दू हैं, जबकि उनके बच्चों की आस्था इन दोनों के साथ अन्य धर्मों में भी है। इस तरह से उनके अपने घर में पूरा भारत रहता है।